मदमस्त हो चुके विधायकों को जगाएगा भारतीय किसान संघ
22 नवंबर को बड़ी संख्या में भोपाल घेरने की तैयारी ! प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों को भंग करने की मांग प्रमुख ! विकास प्राधिकरण बन चूका भू माफिया !
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर
भारतीय किसान संघ इंदौर महानगर कल दिनांक 10 नवंबर को इंदौर के सभी विधायकों को देगा आन्दोलन के पहले चेतवानी ज्ञापन :जिसकी मुख्य मांगे
1.) विधानसभा में किसानों से सम्बंधित विषयो के लिए 7 दिन के विशेष सत्र रखा जाए,
2.) योजनाओं के नाम पर किसानों की जमीन हड़पने वाले इंदौर विकास प्राधिकरण को तत्काल भंग किया जाए
3.) इकोनामिक कॉरिडोर के नाम पर किसानों की उपजाऊ भूमि अधिकरण करने का प्रयास हो रही है, ऐसी योजनाओं को तत्काल समाप्त किया जाए
4.) साथ ही बिजली विभाग, सहकारिता राजस्व, विभाग जल संसाधन विभाग, कृषि मंडियों में व्याप्त विसंगतियों को समाप्त किया जाए.
5.) इंदौर जिले में खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए
दिलीप मुकाती अध्यक्ष इंदौर महानगर भारतीय किसान संघ ने बताया की नींद में सो चुके विधायकों का ध्यान किसानों के समस्या से पूरी तरह हूत चूका हे ! अब वक़्त आ गया की हमारे द्वारा चुने गए सभी जनप्रतिनिधयों को नींद से जगाया जाये ! किसानों को सिर्फ वोट बैंक मान चुके इन जनप्रतिनिधियों को अब किसान की ताकत समझा दी जाएगी और आगामी २२ नवंबर को दो लाख से ज़यादा किसान भोपाल का घेराव करेंगे !
२०१३ में भी भारतीय किसान संघ ने भोपाल घेरा था जिसके बाद सरकार की अच्छी खासी फ़ज़ीहत हुई थी ! इस बार सख्या २०१३ से कहीं ज़यादा होने वाली हे
विकास प्राधिकरण को भंग करने की क्यों हो रही मांग ?
- दरअसल पिछले कुछ दशकों में इंदौर विकास प्राधिकरण भूमि अधिग्रहण में विकास के नाम पर काफी भूमिया अधिग्रहित की गई थी जिन पर ना तो आज कोई विकास हे और ना ही किसानों को मुआवजा दिया गया हे हर मामले को न्यायालय विवादों में घेरने की नीति और वकीलों के फीस के नाम पर एक बड़ा भ्रष्टाचार भी किया जा रहा हे !
- लीज नवीनीकरण ,नामांतरण और फ्रीहोल्ड करने को लेकर भी बहुत बड़े पैमाने पर प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार किया जाता हे !
- कई गृह निर्माण संस्था की भूमि पर योजना अनुरूप विकास करने के नाम पर जमीन गैर कानूनी तरीके से अधिग्रहित कर ली गई और योजना खत्म या समाप्त होने के बाद भी उनकी जमीनों पर अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा हे और मामलों को न्यायालयीन विवादों में फंसा कर एक बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा हे , जिससे किसान भी परेशान है और शहर की जनता भी ! पुष्प विहार, न्याय नगर, रघुवंशी ग्रह निर्माण जैसी कई संस्थाओं के हजारों सदस्य आज भूखंड नहीं मिलने के कारण दर दर की ठोकर खा रहे हैं !