भाजपा की कहानी क्या कहती है महू 3 और 5 विधानसभा में

भाजपा ने अभी तक चार लिस्ट जारी कर लगभग 135 प्रत्याशी तय कर दिए लेकिन इंदौर में तीन विधानसभा में अभी तक प्रत्याशियों के नाम तय नहीं हो पाए हैं ? क्या कारण है क्या विश्लेषण है ? कांग्रेस का एक भी प्रत्याशी नहीं हुआ घोषित,यह हर किसी में कोतुहल का विषय

भाजपा की कहानी क्या कहती है महू  3 और 5 विधानसभा में

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज नेटवर्क इंदौर

जहां कांग्रेस द्वारा अभी तक एक भी प्रत्याशी तय नहीं किया गया है वहीं भाजपा द्वारा प्रदेश में चार लिस्ट जारी कर तकरीबन 135  प्रत्याशी तय कर दिए गए ! बात करें इंदौर की तो महू विधानसभा ,तीन नंबर और पांच नंबर विधानसभा में प्रत्याशियों के नाम तय नहीं किया जा सके जो अब सभी में कोतुहल  का विषय बनता  जा रहा  है ! 

तीनों  विधानसभा में लोग अपने-अपने कयास लगा रहे हैं ,हर विधानसभा में समर्थक अपने आकाओं के नाम पर मोहर लगाते  दीख रहे हैं ! चुनावी  मैदान में टिकट की दौड़ में लगभग हर संभावित प्रत्याशी अपने अपने दावे कर रहा हे !  शुरुआत से ही तय था कि इस बार प्रत्याशियों का चयन दिल्ली दरबार से किया जाना है ,विधानसभा दो मैं रमेश मेंदोला को और विधानसभा चार में मालिनी गौड़ , यह नाम कोई अप्रत्याशित नहीं थे लेकिन विधानसभा एक से कैलाश विजयवर्गीय  का नाम आते ही कई कयास लगाए जाने लगे थे कि इस बार कोई बड़ा ही फेरबदल होगा, लेकिन चौथी लिस्ट जारी होने के बाद ऐसा कुछ खास दिखा नहीं ! 

बात करें बची हुई तीन विधानसभाओं की तो वहां की परिस्थितियों का आकलन भी जरूरी है! महू में कई बड़े नाम चलते रहे जैसे डॉक्टर निशांत खरे , इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा लेकिन स्थानीय लोगों के लगातार विरोध के चलते यह नाम अभी तक खटाई में पड़ते दीख रहे हैं  क्योंकि स्थानीय लोगों की मांग है कि इस बार उन्हें स्थानीय निवासी ही प्रत्याशी के रूप में चाहिए ! इतना ही नहीं खुले तौर पर धमकी भी दे दी गई कि अगर इस बार कोई बाहरी  व्यक्ति चुनाव लड़ता है तो परिणाम गंभीर होंगे जिसके चलते अब राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार के नाम ने जोर पकड़ लिया है , ऐसा माना  जा रहा हे की हाल ही में पाटीदार समाज द्वारा एक बड़ा आयोजन कर सरकार  को चुनौती देते हुए पार्टी में प्रतिनिधित्व की मांग की गयी थी, जिसके चलते कविता पाटीदार को इस बार भाजपा मैदान में उतार सकती हे ! 

विधानसभा तीन की भी स्थिति कुछ ऐसी ही है ,पिछली बार आकाश विजयवर्गीय  द्वारा भूतपूर्व विधायक अश्विन जोशी को मात दी गई थी, लेकिन परिणाम की लीड कोई इतनी खास नहीं रही और मौजूदा विधायक का टिकट भी अब लगभग खटाई में ही है ! यहीं से ताई द्वारा अपने पुत्र मिलिंद और मंदार के लिए टिकट की कोशिश की जा रही हैं ऐसी अफवाहें भी ज़ोरो पर हैं ! लेकिन जनाधार और कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी पिंटू जोशी पिछले कई सालों से विधानसभा में सक्रिय हैं और युवा भी हैं ,वहीँ मिलिंद और मंदार कभी भी सक्रीय राजनीती में नहीं रहे जिसके चलते टिकट की सम्भावना कम ही दीख रही हे ! वहीँ उषा ठाकुर को महू से एडजस्ट करने की भी कवायद ज़ोरों पर हे और 3 नंबर में उनकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता क्यूंकि वे यहाँ से पूर्व में भी विधायक रह चुकी हें ! एक और नाम गौरव रणदिवे का ज़ोरों पर हे ,जिन्हे  मराठी वोटों के भरोसे टिकट दिया जा सकता हे लेकिन अगर सूत्रों के माने तो वे लगातार कोशिश विधानसभा 5 से करने में लगे हुए हैं !

पांच नंबर की अगर बात हो तो मौजूदा विधायक महेंद्र हडिया कहीं भी टिकट के लिए एक्टिव बेशक नहीं दिख रहे हैं लेकिन संघ का एक धड़ा और कार्यकर्ताओं का मानना हे की सांप्रदायिक संरचना को देखते हुए सिर्फ बाबा ही इस सीट पर विजयश्री हासिल कर सकते हैं और पिछली लीड को कई गुना इस बार बढ़ा सकते हे ,कार्यकर्ताओं का यह भी मानना हे की क्षेत्र में कही भी कोई ऐसी विवादस्पद बात बाबा के कार्यकाल में नहीं देखी गयी ,वहीँ सहकारी संस्थाओं के पीड़ित सदस्यों के लिए भी वे लगातार संघर्षील रहे हैं जिसका फायदा भी उन्हें मिल सकता हे ! यहीं से पिछड़ा वर्ग के प्रदेश उपाध्यक्ष नानूराम कुमावत युवाओं की टीम के सहारे अपने टिकट की दववेदारी के लिए लगातार प्रयासरत हैं ,अभी हाल ही में नानूराम द्वारा एक बड़ी भगवा यात्रा निकली गयी थी जिसमे बड़ी संख्या में युवाओं ने सहभागिता की थी ! 

संघ की भी नज़र 

सांप्रादियक संरचना को देखते हुए संघ भी इन तीनों सीटों पर नज़रें जमाये हुए हे ,आने वाले समय में लोकसभा चुनाव हैं और यही वो सीटें हैं जो लोकसभा चुनाव पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकती हैं ,पिछले कुछ सालों में भाजपा भी कट्टर हिन्दुवाद के रास्ते  को छोड़ सबका साथ सबका विकास के रास्ते पर चल पड़ी हे , वहीँ संघ के बड़े पदाधिकारियों ने भी अब धार्मिक स्वतंत्रता की बातें शुरू कर दी हैं ,बहरहाल संघ की बदलती भूमिका को इन विधानसभाओं में संघ भी परिपक्व नेता ही चाहेगा जो नीतियों और कार्यशैली का क्रियान्वन विचारधारा के अनुरूप कर सके ! 

कांग्रेस में उथलपुथल के भी संकेत 

इसी 5 विधानसभा में कांग्रेस खेमे में बड़ी उथलपुथल की भी अफवाएं ज़ोरों पर हे ,कई सिंधिया समर्थक नेता जो आज भी कांग्रेस में हैं ,ऐसा मन जा रहा हे की वक़्त आने पर या विपरीत परिस्थितियां निर्मित होने पर एक बड़ा बदलाव भी कांग्रेस झेल सकती हे !

बहरहाल किसी युद्ध में उतारा जायेगा कौन जीतेगा ये तो वक़्त की बात हे लेकिन दोनों ही पार्टियों के लिए ये वही तीन विधानसभा हे जो भविष्य की निति और नियती पार्टियों के लिए तय करेंगी !