कल है अक्षय तृतीया , जानिए इस शुभ दिन से जुड़े विशेष प्रसंग

वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहते हैं

कल है अक्षय तृतीया , जानिए इस शुभ दिन से जुड़े विशेष  प्रसंग

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क -इंदौर

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन  जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं उनका नित्य और अनंत फल मिलता है !  यह इतना मंगलमय दिवस है  कि इस दिन बिना मुहूर्त और पंचांग देखें कभी भी कोई भी शुभ कार्य शुरू किया जा सकता है ! अक्षय तृतीया के दिन जप, हवन, पूजा और दान  का विशेष महत्व होता है ! आज के दिन प्राप्त किया ज्ञान और आज के दिन दिया गया दान कभी व्यर्थ नहीं जाता !अक्षय तृतीया ऐसा शुभ और विशेष अवसर है जिससे कई प्रसंग जुड़े हुए हैं !

प्रथम पूज्य श्री गणेश भगवान और महर्षि व्यास ने अक्षय तृतीया के दिन महाभारत लिखने की शुरुआत की थी !

अक्षय तृतीया के दिन ही पन्त्र  गंगा जी स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक पर पधारी थी !

 अक्षय तृतीया  के दिन श्री कृष्ण और सुदामा का मिलन हुआ था !

अक्षय तृतीया के दिन भगवान श्री परशुराम अवतरित हुए थे !

अक्षय तृतीया के दिन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भगवान  के चरण कमल के दर्शन होते हैं !

अक्षय तृतीया  के दिन चार धामों में से मुख्य धाम श्री बद्री विशाल के दर्शन भी आज के दिन से भक्तों के लिए शुरू होते हैं !

 

विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ धाम यात्रा प्रेरकों का निर्माण भी अक्षय तृतीया से ही  शुरू होता है !

 इस दिन का एक और महत्वपूर्ण  प्रसंग है वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन21 दिनों तक चलने वाला चंदन यात्रा महोत्सव भी प्रारंभ होता है भक्तों का भगवान के प्रति आदान प्रदान का यह अनोखा पर्व है जिसमें ग्रीष्म ऋतु की भीषण गर्मी से भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए पूरे 21 दिनों तक अपने हाथ से  घिसे  चंदन का लेप भगवान  को किया जाता है और मंदिरों में चंदन भी दान किया जाता है !