१ जुलाई को निकलेगी विशाल रथ यात्रा

अखिल भारतीय चंद्रवंशीय क्षत्रिय खाती समाज की हर साल पारंपरिक रूप से निकलने वाली विशाल रथ यात्रा के लिए कल उज्जैन में कलश यात्रा निकाल कर तैयारी की गइ !,

१ जुलाई को निकलेगी विशाल रथ यात्रा

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क 

इस कलश यात्रा में लगभग 1000 से ज्यादा महिला व पुरुष शामिल थे, यात्रा में रामघाट से माँ शिप्रा का जल लेकर जगदिश मंदिर पिपल चौक पर भगवान जगदीश का अभिषेक किया गया। व साथ ही रथयात्रा में निकलने वाले ध्वजा को भगवान के रथ पर बैठाने की सेवा समाजजनों ने ली, इसके साथ ही समाजजनों के साथ पदाधिकारियों ने बैठक यात्रा के प्रारूप ओर मार्ग के संदर्भ में समाजजनों के बीच समाज के पदाधिकारियों ने जानकारी रखी, यात्रा कैसी होगी कहा कहा से निकलेगी इसके लिए जानकारी के साथ समाजजनों से सुझाव भी मांगे गए।

समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राधेश्याम बागवाला ने समाजजनों से 1 जुलाई 2022 को निकलने वाली रथयात्रा में समाजजनों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में सम्मिलित होने का निवेदन किया।
बता दे कि अखिल भारतीय चंद्रवंशीय क्षत्रिय खाती समाज अपने इष्ट देव हर भगवान जगदिश की हर साल रथयात्रा निकालते है।


रथयात्रा का महत्व

समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि ऐसा माना जाता है उत्कल प्रदेश के प्रधान देवता श्री जगन्नाथ जी ही माने जाते हैं। यहाँ के वैष्णव धर्म की मान्यता है कि राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी हैं। इसी प्रतीक के रूप श्री जगन्नाथ से सम्पूर्ण जगत का उद्भव हुआ है। श्री जगन्नाथ जी पूर्ण परात्पर भगवान है और श्रीकृष्ण उनकी कला का एक रूप है। ऐसी मान्यता श्री चैतन्य महाप्रभु के शिष्य पंच सखाओं की है। पूर्ण परात्पर भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को उज्जैन में आरम्भ होती है। यह रथयात्रा चंद्रवंशीय क्षत्रिय खाती समाज का प्रधान पर्व भी है। इसमें भाग लेने के लिए, इसके दर्शन लाभ के लिए हज़ारों की संख्या में बाल, वृद्ध, युवा, अलग अलग शहरों से आते हैं।
समाजजनों का कहना है कि जैसी उड़ीसा के पूरी में यात्रा निकलती है भगवान जगदिश अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलते है वेसे ही उज्जैन में भी शहरवासीयो को दर्शन के लिए भृमण पर निकलते है ओर उन्हें आशिर्वाद देते है।

उज्जैन जिला अध्यक्ष अरविंद मावरी  ने बताया कि

इस रथ यात्रा का दिनांक 1 जुलाई को जगदीश मंदिर उज्जैन से निकलकर पूरे नगर में घूमकर वापस यही पर भगवान जग्गनाथ की आरती के साथ समापन होगा।