इंदौर की 658 में से 100 कॉलोनियां आज होंगी वैध
कई वर्षों से मुख्यमंत्री लगातार अवैध कॉलोनियों को वैध करने का वादा जनता से करते आये हैं, जो अखिरकार वर्षों बाद पूरा होने जा रहा है। आज पूरे मध्यप्रदेश की पांच हज़ार से भी अधिक कॉलोनियों में से कुछ वैध होने जा रही हैं, जिनके विकास की शुरुआत खुद मुख्यमंत्री भोपाल में करेंगे। अन्य जिले भी वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
कई जगह अन्य विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र का पेंच बना गले की हड्डी
देने में कर रहे आनाकानी, कहीं ख़ुशी तो कहीं गम, जहाँ विरोध वहां सुनवाई
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर।
इसके तहत इंदौर के रवींद्र नाट्य गृह में भी एक बड़ा कार्यक्रम निगम द्वारा आयोजित किया जा रहा है। जिसमें 100 कॉलनियों को वैध किया जाएगा। कॉलोनी वैध होते ही निगम द्वारा वहां विकास कार्यों की शुरुवात हो सकेगी। नक़्शे पास होने लगेंगे और घर बनाने के लिए बैंकों से ऋण भी मिलना शुरू हो जायेंगे। रहवासियों को एक निश्चित विकास शुल्क देना होगा जो 20% और 50 % होगा, जिसके बाद निगम द्वारा कॉलोनी वैध होने का प्रमाण पत्र दिया जा सकेगा।
कई वर्षों से अवैध कॉलोनियों को वैध करने की बात प्रदेश सुन रहा था, जो अब जा कर पूरा होने जा रहा है, लेकिन आज भी ऐसी कई समस्यां मौजूद हैं, जिसके कारण कई अवैध कॉलोनियां, जो बिना अनुमति लिए बन चुकी हैं या सरकार की गलत नीतियों के कारण अवैध की श्रेणी में आ चुकी हैं, इन्ही कॉलोनियों में सहकारिता विभाग, नजूल और विकास प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र की शर्त को अनिवार्य किया गया है। जिसके चलते लगातार विभागों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र देने में आपत्ति दर्ज कराई जा रही है। जहाँ NOC दी जा सकती है, वहां भी विभागों द्वारा लगातार अड़चनें डाली जा रहीं हैं, जिसके चलते शेष रह चुकी कॉलोनियों के रहवासियों में खासा विरोध भी देखने को मिल रहा है।
तुलसी नगर में विरोध को देखते ताबड़तोड़ जारी हुई NOC
प्रथम चरण में तुलसी नगर का नाम नहीं होने के कारण रहवासियों में भारी विरोध उत्पन्न हो गया, जिसको भांपते हुए ताबड़तोड़ नजूल विभाग ने NOC निगम को भेजी और अब तुलसी नगर भी वैध होगी। दरअसल विधानसभा 5 में स्थित यह कॉलोनी वैध से अवैध की जा चुकी थी और अब दोबारा विधायक के प्रयासों से वैध की जा रही है।
जहाँ पहले ही विकास हो चूका, उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं
निगम द्वारा किसी भी व्यक्ति या समूह को जनसुविधा के लिए इंकार नहीं किया जा सकता और इसी कारण कई कॉलोनियों में जल, मल, बिजली, सड़क जैसी सुविधा पहले ही दी जा चुकी है। इसलिए वहां अब कोई नए सिरे से विकास किया जाना संभव नहीं है। एक मात्र फायदा यह होगा कि अब ये कॉलोनियां अवैध नहीं कहलाएंगी।
जल्द ही शुरू होगा द्वितीय चरण
प्रथम चरण में आज 100 कॉलोनियां वैध होने जा रही हैं, निगम द्वारा लगभग 121 कॉलोनियों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने का प्रयास तेज किया गया है और जल्द ही द्वितीय चरण में हम इन्हे वैध करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इंदौर नगर निगम जल्द ही शेष कॉलोनियों को भी वैध करेगा। जो भी कानूनी अड़चन आएँगी, उन्हें भी तत्काल महापौर से सलाह कर दूर करने का प्रयास किया जायेगा।
- राजेश उदावत (प्रभारी कॉलोनी सेल -इंदौर नगर निगम)
सरकार की दोगली नीति
मात्र 15% कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है, लेकिन हल्ला ज़यादा किया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री घोषणा करते हैं और उन्ही के अधिकारी उसमें अड़चन पैदा करते हैं। विडंबना है कि इसके बावजूद इन अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होती है, जो गंभीर बात है। जो अधिकारिक आंकड़ा निगम द्वारा अवैध कॉलोनियों का दिया गया है, वह भी गलत है। शहर और आसपास कम से कम 1000 कॉलोनियां अवैध रूप से मौजूद हैं और लगातार बढ़ भी रही हैं, इन पर भी कार्रवाई नहीं होना और लगातार संरक्षण देना सरकार की दोगली नीति उजागर कर रहा है।
- चिंटू चौकसे (नेता प्रतिपक्ष -इंदौर नगर निगम)