वर्चुअल वर्ल्ड में फिजिकल वर्ल्ड को 20 गुना खतरा :डॉं वरूण कपूर
सुरक्षा मानकों को ध्यान में रख सायबर स्पेस का उपयोग करें ! टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन एवं इंदौर सीए शाखा द्वारा आयोजित "सायबर क्राइम इन टैक्स प्रोफेशनल्स पेर्स्पेक्टिव" विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसे डॉं. वरूण कपूर (विशेष पुलिस महानिदेशक; मध्य प्रदेश) द्वारा सम्बोधित किया
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर
टीपीए प्रेसिडेंट सीए जे. पी. सराफ ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि हमारा जीवन पूर्णतः वर्चुअल आधारित हो गया है अतः हमें सायबर प्रोटोकॉल सीखना आवश्यक है l जरा सी भी लापरवाही बड़े नुकसान का कारण बन सकती है l इंदौर सीए शाखा के चेयरमेन सीए अतिशय खासगीवाला ने कहा कि दैनिक जीवन में भौतिक सुरक्षा से इंटरनेट, डाटा, नेटवर्क एवं डाटा सिक्योरिटी आवश्यकता महसूस की जाने लगी है l
सेमिनार का सञ्चालन कर रहे टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार हम कार में सीट बेल्ट, टू व्हीलर में हेलमेट सहित हर स्थान पर सुरक्षा के उपाय करते हैं उसी प्रकार हमें वर्चुअल वर्ल्ड में पूर्ण सावधानी रखनी चाहिए l उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़माने में हैकर्स नित नए हथकंडे अपनाकर नुकसान पहुंचा रहे हैं अतः 'बचाव ही सुरक्षा है; का ध्येय वाक्य हमेशा ध्यान में रखना चाहिए l
मुख्य वक्त डॉ. वरुण कपूर ने कहा कि इंटरनेट ने दुनिया की सीमायें समाप्त कर दी हैं । कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी भाग से किसी से भी संपर्क कर सकता है । इस प्रौद्यौगिकी ने आमजन के कार्यो को आसान बना दिया है और हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग हो गया है । जहॉं इसके कई लाभ हैं वहीं कई जोखिम जैसे सायबर बुलिंग, ग्रुमिंग, फिशिंग, स्टाकिंग उत्पन्न हो गये हैं । बहुत से लोगों को इस प्रकार के अपराधों की जानकारी नहीं है और कम्पयूटर/इंटरनेट के असुरक्षित उपयोग के कारण सायबर अपराध के शिकार हो जाते हैं । सायबर अपराधी अपनी पहचान छुपाकर सोशल मीडिया, ईमेल, चेटरूम इंस्टंट मेसेजिंग, गेमिंग प्लेटफार्म का उपयोग कर बच्चों/किशोरों के साथ ही वयस्क/प्रौढ़ व्यक्तियां तक को अपना शिकार बनाते है और ऐसे कार्य करने के लिये प्रेरित करते हैं जिससे उन्हें आसानी से ब्लैकमेल किया जा सके । ब्लैकमेल कर यौन उत्पीड़न, यौन शोषण करते हैं । इसके लिये आवश्यक है कि सतर्कता एवं जिम्मेदारी के साथ सायबर स्पेस का उपयोग करें । सायबर अपराध का शिकार होने से बचाव के लिये सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी शेयर करने में सतर्कता बरते, क्योंकि सायबर अपराधी के लिये यहॉं से जानकारी आसानी से हासिल कर गलत उपयोग कर सकते हैं। सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करने से बचें क्योंकि ये असुरक्षित होते हैं और आसानी से हैंक किये जा सकते हैं । अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, वेब ब्राउजर और अन्य सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें । किसी भी ईमेल या मैसेज पर आये अनजान लिंक पर क्लिक न करें । अपने सोशल मीडिया अकाउंट, बैंक अकाउंट, ईमेल अकाउंट को दोहरे प्रमाणीकरण (जिसमें पासवर्ड के अलावा ओटीपी अथवा बायोमेट्रिक्स) से सुरक्षित रखें और समय समय पर बदलते रहे । अपना यूजर आईडी और पासवर्ड अधिकृत वेबसाईट पर ही दे । यह भी देखें कि वेबसाईट के एड्रेस के पहले https:// हो न कि http:// । किसी के नाम से मिलती जुलती ईमेल आईडी पर कोई उत्तर देने से पहले उसकी जॉंच कर लें । लालच में आकर अपनी निजी जानकारी/वित्तीय जानकारी न देंवे । अनजान कॉल/वीडियो कॉल एवं अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें । सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली जानकारी को जॉंच पड़ताल के बिना फारवर्ड/शेयर न करें । अनावश्यक एवं अनजान साफ्टवेयर, एप्स, ऑनलाईन गेम इंस्टाल न करें ।
सेमिनार के सफल संचालन में उप-पुलिस अधीक्षक श्रीमती नीति दण्डोतिया , निरीक्षक श्रीमती पूनम राठौर व उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा । सेमिनार का सञ्चालन टीपीए के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने किया, धन्यवाद् अभिभाषण सीए अमितेश जैन ने दिया l इस अवसर पर सीए शैलेन्द्र सिंह सोलंकी, सीए अजय सामरिया, सीए प्रमोद तापडिया, सीए सोम सिंहल, नीलेंदु दवे, सीए उमेश गोयल, सीए सुनील जी खंडेलवाल, सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे l