कनाडिया से खजराना गणेश मंदिर को जोड़ने वाली सड़क निर्माण की राशि को लेकर विरोध शुरू

10 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क मैं से 5 करोड़ की राशि खजराना गणेश मंदिर के चढ़ावे से लेने के प्रस्ताव का क्षेत्र की जनता और सामाजिक संघठनो ने विरोध करना शुरू कर दिया है !

कनाडिया से खजराना गणेश मंदिर को जोड़ने वाली सड़क निर्माण की राशि को लेकर विरोध शुरू

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क-इंदौर 

विरोध करते हुए संदीप भालेराव ने बताया कि जिला प्रशासन का यह निर्णय सनातनी धर्म के विरुद्ध है क्योंकि खजराना गणेश एक महत्वपूर्ण तीर्थ होता जा रहा है और यहां लाखों लोग श्रद्धा स्वरूप में सनातनी धर्म और मंदिर विकास के लिए काफी चढ़ावा देते हैं, अगर इस चढ़ावे का उपयोग सनातन धर्म को बढ़ाने शिक्षा व्यवस्था करने अस्पताल या अन्य इसी गतिविधियों में जिसमें सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का उद्देश्य पूर्ण होता है तो हमारा विरोध नहीं है !  लेकिन सड़क जिसका निर्माण करना नगर निगम का दायित्व है और नगर निगम के पास आय के बहुत स्रोत उपलब्ध है, ऐसी स्थिति में सड़क निर्माण मैं खजराना गणेश मंदिर के चढ़ावे के पैसे का उपयोग करना निंदनीय है उन्होंने यह भी कहा की यह हिंदू धर्म की भावनाओं का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए ! 

चढ़ावा सिर्फ हिंदू मंदिरों में नहीं आता हे और चढ़ावे  के पैसे सार्वजानिक सड़क के लिए उपयोग करना  कहीं ना कहीं हिंदुत्व की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है और हम इसका विरोध लगातार करते रहेंगे ! इसके पहले भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ सदस्य ऐसी बात लो लेकर अपना विरोध दर्ज करा चुके हे ! 

कुछ ही दिनों पूर्व एक भव्य आयोजन में सड़क का भूमि पूजन भ.जा.पा. के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के मौजूदगी में संपन्न हुवा था जिसमे विधायक और सांसद  भी मौजूद थे ! बता दें खजराना मंदिर हेतु एक भव्य स्वागत द्वार भी खजराना चौराहे पर हाल ही में निर्मित किया गया हे जिसको पहले निगम द्वारा बनवाया जाना था लेकिन बाद में इसका निर्माण भी खजराना मंदिर द्वारा ही करवाया गया हे ! 

अभी कई अधूरी सड़कों का निर्माण होना बाकि हे ! 

रोबोट चौराहे  से महक वाटिका तक तो MR 9 सड़क बन चुकी हे लेकिन आर्थिक तंगी के कारण निगम ने अभी तक यह सड़क पूरी नहीं करि हे ,यहाँ सड़क रोबोट चौराहे से सीधे नाहरशाह वली दरगाह पर पहुंचती हे ,जिसके कारण भी लोगों को दरगाह पर पहुँचने और ज़ियारत करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती हे   !