उच्च और सर्वोच्च न्यायालय के स्थगन को नहीं मानता इंदौर नगर निगम

इंदौर नगर निगम ने कलेक्टर की जमीन पर संचालित अवैध मटन मार्केट को हटाने के लिए कार्रवाई की। अधिकारियों ने मौके पर बताया कि यह जमीन प्राधिकरण की है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद अलग जगह पर जेसीबी चलाकर कार्रवाई की गई,रात में फिर गुलज़ार हुआ अवैध मटन मार्केट ! इंदौर नगर के अतिक्रमण दस्ते की इस कार्यशैली से पिछेल पखवाड़े विधायक मेंदोला, स्वयं महापौर और उसी दिन MIC मेंबर नंदू पहाड़िया ने भी विरोध किया था ! रात में और बिगड़ जाती हे स्थित्ति लेकिन ज़िम्मेदार दिन में सर्वे कर चले जाते हैं ,रोबोट चौराहे पर MR 9 के दोनों और हाल बुरे,कई बार हो चुकी शिकायत !

उच्च और सर्वोच्च न्यायालय के स्थगन को नहीं मानता इंदौर नगर निगम

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

यह मामला इंदौर के रोबोट चौराहे के निगम विजय नगर ज़ोन का है।  दो दिन पहले खजराना क्षेत्र के सर्वे नंबर 532 पर संचालित अवैध मटन  मार्केट और शराब दुकान के पास हो रहीं शराबखोरी के लिए निर्मित दुकानों की शिक़ायत मिलने पर कार्रवाई का आदेश दिया गया था। कुल 20 अवैध दुकानों को तोड़ने का आदेश था, लेकिन केवल कुछ दुकानों पर ही कार्रवाई हुई। इसलिए  उसी रात, उसी जगह मटन मार्केट फिर से चालू हो गया। 

इसके अलावा, कार्रवाई सर्वे नंबर 532 पर  शराबखोरी के लिए निर्मित गुमटियों और अवैध मटन मार्केट पर की जानी थी, लेकिन इसे सर्वे नंबर 506 पर भी शीर्ष अधिकारियों द्वारा स्थान छोड़ते ही कर दी गयी । जबकि  उक्त स्थान पर प्रकरण में स्थगन आदेश लगभग कई वर्षों  से चला आ रहा है। और मटन मार्केट पर वर्ष में लगभग 3 बार होने वाली कार्यवाही में हमशा आंशिक नुकसान कर इस नंबर की भूमि पर भी कर के चले जाते है ,वहीँ सर्वे 532 अभिलेखों  में कलेक्टर के नाम बतौर व्यवस्थापक मारुती मंदिर के नाम दर्ज हे जिस पर कुछ समय पहले मंदिर के पुजारी द्वारा किये जा रहे अतिक्रमण को भी ध्वस्त किया गया था  (,यह बात अलग हे की प्राधिकरण के शातिर अधिकारीयों ने भूमाफियों के साथ साठगांठ कर 532 के एक बड़े हिस्से को खुर्दफुर्द कर दिया )। पिछले पखवाड़े में भी मंदिर की भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए कार्यवाही की गयी थी ,अब ऐसा प्रतीत हो रहा हे  शराब की दुकान और मंदिर को एक करने के लिए अतिक्रमण हटाया गया था। यह शराब की दुकान मंदिर से 100 मीटर के दायरे में ही संचालित होती है !  

506 जिस पर सुप्रीम कोर्ट का स्थगन आदेश लागू था। पीड़ितों ने मौके पर स्थगन आदेश जानकारी मौके पर उपस्थित अधिकारियों को दी, लेकिन अधिकारियों को  उनके अधीनस्थों पर क़ानून से और न्यायालय के आदेश से अधिक भरोसा रहता है इसलिए खुलेआम कहा कि इंदौर नगर निगम, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के स्थगन आदेशों को नहीं मानता। क्योंकि हम उसमें पक्षकार नहीं है।

कलेक्टर और मंदिर की भूमि पर संचालित हो रहा मटन मार्किट और शराब की दुकान 

Expose Live लंबे समय से अवैध मटन मार्केट और शराब दुकान की खबरों को उजागर कर रहा है। मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद, खुलेआम मटन मार्केट का संचालन हो रहा है, और नगर निगम की मनमानी जारी है। वहीँ उक्त भूमि पर बने हिन्दुओं के आराध्य देव भगवान  श्री मारुती नंदन का भव्य मंदिर भी मौजूद हे और इसके ठीक पास शराब  का ठेका भी जोरों शोरों से संचालित किया जा रहा हे जिस पर न आबकारी ,न जिलाधीश न ही निगम के ज़िम्मेदारों की नज़र पड़ रही हे ! निगम की इसी निति के कारण आज क्षेत्र के श्रद्धालुओं में खासा रोष भी देखने को मिल रहा हे !  

यह स्थिति तब और चौंकाने वाली हो जाती है जब इंदौर नगर निगम के मुखिया, जो स्वयं एक कानूनविद हैं और अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में सेवाएं दे चुके हैं, इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।

मंदिर में दर्शन करने आए एक वृद्ध भक्त ने कहा कि हाथी के दांत खाने के अलग होते है और दिखाने के अलग होते है श्री हनुमान जी महाराज के मंदिर के पास यह शराब दुकान और मटन मार्केट भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ही लगी । जो लगने के बाद आज दिनांक तक श्री राम की बात करने वाले सभी नेताओं की आंखों से ओझल है ! 

इंदौर नगर निगम की इस कार्यशैली ने न्यायिक आदेशों की अवहेलना और जनता  के  ऊपर अपने अधिकारों की मनमानी और कर्तव्यों की अनदेखी  करने की कार्यशैली पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया तो भाजपा सरकार की आने वाले समय में दिक्कत बढ़ाएगी !

एमआईसी सदस्य राजेश उदावत का कहना है, "हमारे लिए सर्वोच्च और उच्च न्यायालय सम्माननीय हैं, और हम उनके हर फैसले का पालन करते हैं। यदि ऐसा हुआ है, तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

क्षेत्रीय पार्षद मनीषा गागोरे का कहना हे :" मंदिर के पास शराबखोरी से अत्यधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा हे वहीँ मटन की दुकानों का संचालन भी नहीं किया जाना चाहिए ,वरिष्ठों को शिकायत की जाएगी और समस्या का निराकरण जल्द करने की मांग होगी "