दक्षिणी दिल्ली के जहांगीरपुर के बाद अब शाहीन बाग, तिलक नगर,जेतपुरा, सरिता विहार और ओखला में चलेगा बुलडोजर !
पिछले दिनों रोहिंग्या शरणार्थियों द्वारा दिल्ली में किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए जहांगीरपुर मैं दिल्ली नगर निगम द्वारा बुलडोजर भेज कर कार्रवाई शुरू की गई थी जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश देकर कार्यवाही रुकवा दी ! अब शाहीन बाग, तिलक नगर और ओखला में भी रोहिंग्या शरणार्थियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को चिन्हित कर बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने की शुरुआत की जा चुकी है! इंदौर में भी रोहिंग्या शरणार्थियों द्वारा ऐसे ही कब्जे किए जा चुके हैं !
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क- इंदौर
पिछले दिनों जहांगीरपुर इलाके में एक बड़ी कार्रवाई जैसे ही शुरू की गई सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाकर शरणार्थियों के पक्ष में कपिल सिब्बल ,गुलाम नबी आजाद और जयंत भूषण जैसे वकीलों ने याचिका लगाकर उस पर स्थगन आदेश ले लिया और कार्रवाई को तत्काल रुकवा दिया गया !
अब दक्षिण दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यन तिलक नगर, शाहीन बाग और ओखला मैं शरणार्थियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को चिन्हित कर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने मैं लग गए हैं , मेयर मुकेश सूर्यन का कहना है कि रोहिंग्या शरणार्थी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए लगातार खतरा बने हैं और गलत तरीके से बांग्लादेश से घुसपैठ कर हिंदुस्तान में आसरा ले रहे हैं, कई बार केंद्र सरकार द्वारा इन्हें चेतावनी देकर वापस जाने को कहा गया लेकिन वह अपने पैर देश में इस कदर जमा चुके हैं जब उनको वापस भेजना बहुत मुश्किल है, लगातार ऐसी रिपोर्टें भी आ रही है जिसमें इनका देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा होना साबित होते जा रहा है !
शरणार्थियों के पुनर्स्थापना को लेकर भी मेयर ने दो टूक कहा कि किसी भी सरकार ने इन्हें अतिक्रमण करने की अनुमति या आदेश नहीं दिया है जब आदेश ही नहीं दिया तो पुनर्स्थापना का प्रश्न पैदा ही नहीं होता !
इंदौर में भी रोहिंग्या शरणार्थियों द्वारा अतिक्रमण किए गए हैं !
पिछले दिनों ही इंदौर में एक मामला उजागर हुआ था जिसमें रोहिंग्या शरणार्थी द्वारा चंदन नगर थाना इलाके में एक बड़े भूखंड पर अतिक्रमण कर झोपड़िया बना रखी है, सूत्रों का कहना है मामले में कई बार उचित फोरम पर शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई! स्वच्छता में नंबर वन का तमगा हासिल करने वाले इंदौर और इंदौर के जिला प्रशासन के लिए शायद शहर की आंतरिक सुरक्षा प्राथमिकता सूची में सबसे अंतिम पायदान में होना प्रतीत हो रही है !