खेतों की तारबंदी के लिए किसानों को मिले सब्सिडी

युवा किसान संघ ने की मुख्यमंत्री से मांग , इसके पहले भी संघ द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगाई थी जिस पर भोपाल से जवाब में वर्ष २००३ में पारित आदेश का हवाला देकर बताया गया था फसलों को आवारा पशुओं से जहाँ जहाँ भी नुकसान हो रहा हे वहां के अनुविभागीय अधिकारी किसानों को वन्य एवं आवारा पशुओं को मारने की अनुमति दे सकते हे ,लेकिन संघ द्वारा हर स्तर पर प्रयास करने के बाद भी अधिकारीयों द्वारा कोई सज्ञान नहीं लिया जा रहा हे !

खेतों की तारबंदी के लिए किसानों को मिले सब्सिडी

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क -इंदौर

हर सीजन में किसानों की फसलों को आवारा पशुओं एवं नीलगाय आदि जंगली जानवरों से फसलों को काफी नुकसान होता है,  जिसका असर फसलों के उत्पादन एवं किसानों की आय पर पड़ता है। जिसके चलते किसानों के लिए यह एक बड़ी समस्या बना हुआ है।पशुओं से होने वाले इस नुकसान से किसानों को बचाने के लिए युवा किसान संघ ने मुख्यमंत्री से  किसानों के लिए तारबंदी योजना चलाई जाने की मांग करी ।

संघ के विपिन पाटीदार ने बताया की किसानों की फसलों को आवारा पशुओं एवं नीलगाय से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए कांटेदार तथा चैनललिंक तारबंदी के लिए सरकार अनुदान दे ! उन्होंने बताया की आवारा और जंगली पशुओं से फसलों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा हे ,नीलगाय का आतंक पुरे प्रदेश में भरपूर हे और अगर अधिकारी नुकसान पहुँचाने वाले वन्य प्राणियों को मारने की अनुमति नहीं दे सकते हैं तो तारबंदी योजना लागु की जाये जिसमे लागत  का ६० प्रतिशत अनुदान सरकार दे जिससे किसानों को आर्थिक मदद मिल सके !