अब क्या मध्यप्रदेश में घर-घर से बिकेगी शराब?
प्रदेश की नई आबकारी नीति पर नजर डालने पर तो ऐसा ही लगता है। मध्यप्रदेश में नई आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई। इसमें जो प्रमुख प्रावधान हैं, उसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला होम बार लाइसेंस का है। इसके अलावा देशी-विदेशी मदिरा एक ही काउंटर से बिकने, एयरपोर्ट और सुपर मार्केट में शराब काउंटर खोलने जैसे फैसले भी हैं।
सरकार ने नई आबकारी नीति को दी मंजूरी, शराब होगी सस्ती, मिलेगा होम बार लाइसेंस
एयरपोर्ट और सुपर मार्केट में खुल सकेंगे काउंटर, देशी-मदिरा शराब एक ही दुकान से बिकेगी
द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, भोपाल। Bhopal News.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रि-परिषद ने समग्र आबकारी नीति 2022-23 और हेरीटेज मदिरा नीति 2022 को अनुमोदन दे दिया है। सरकार का दावा है कि इसमें गैर-कानूनी एवं अमानक शराब निर्माण, परिवहन, भंडारण और विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा।
हालांकि कांग्रेस ने प्रदेश की नई शराब नीति को लेकर तंज कसा है। कांग्रेस के प्रदेश मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि मंज़ूर की गयी आबकारी नीति से एक बार फिर शिवराज सरकार का शराब प्रेम उजागर हुआ है। शिवराज सरकार तो पहले से ही चाहती है कि हर व्यक्ति शराब पीकर मदहोश रहे ताकि उसका विकास कार्यों , शिवराज सरकार के झूठ और झूठी घोषणाओं पर पर ध्यान ना जाये।
नई आबकारी नीति
- मदिरा की फुटकर विक्रय दरों में लगभग 20 प्रतिशत की कमी लाकर व्यावहारिक स्तर पर लाया जा सकेगा।
- सभी जिलों की देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन छोटे एकल समूहों के अनुरूप किया जा सकेगा।
- समस्त मदिरा दुकानें कम्पोजिट शाप होंगी, जिससे अवैध मदिरा विक्रय की स्थितियां नहीं बनेंगी।
- कलेक्टर एवं जिलो के विधायकगण की उच्च स्तरीय जिला समिति को उनके जिले की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप मदिरा दुकानों के अनुरूप भौगोलिक दृष्टि से स्थान परिवर्तन कर अधिकार होगा।
- प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित अंगूर का उपयोग कर प्रदेश में बनी वाइन पर डयूटी नहीं होगी।
- देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था में प्रदेश के असवकों के मध्य जिलेवार निविदा बुलाई जा सकेगी। इस साल टेट्रा पैकिंग की दर भी बुलाई जा सकेगी।
- राजस्व की क्षति रोकने के लिये ई-आबकारी व्यवस्था लागू होगी। इसमें मदिरा का ट्रेक एंड ट्रेस, क्यूआर कोड स्कैनिंग, वैधता का परीक्षण आसान होगा।
हेरिटेज मदिरा नीति
- महुआ फूल से बनी मदिरा की पायलट परियोजना की अनुमति दी गई है। इसके बाद इसे मंत्रीमंडल की उप समिति के सामने प्रस्तुत किया जायेगा।
- वर्ष 2022-23 में नये बार लाइसेंस की स्वीकृति शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप कलेक्टर स्तर से ही की जायेगी।
- पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों पर इको टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित इकाइयों, पर्यटन विकास निगम की अस्थाई स्वरूप की इकाइयों को रियायती दरों,सरल प्रक्रियाओं/मापदंडों के आधार पर बार लाइसेंस दिये जा सकेंगे।
- सभी एयर पोर्ट पर विदेशी मदिरा विक्रय काउंटर खोला जा सकेगा।
- इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में चयनित सुपर मार्केट में फिक्स लाइसेंस फीस पर वाइन विक्रय के काउंटर संचालित करने के लिये लाइसेंस जारी किये जा सकेंगे।
- इंदौर और भोपाल में माइक्रो बेवरीज खोलने की अनुमति दी जायेगी लेकिन पर्यावरण, विदयुत विभागों और नगर निगम का अनापत्तिल प्रमाण पत्र जरूरी होगा।
- मदिरा आयात की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा।
- होम बार लाइसेंस दिया जा सकेगा जिसके लिये 50 हजार रूपये वार्षिक लाइसेंस फीस होगी। इसकी पात्रता उन्ही को होगी जिनकी सकल व्यक्तिगत आय न्यूनतम एक करोड हो।
उजागर हो गया शिवराज सरकार का शराब प्रेम
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि जहां एक तरफ मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती मध्य प्रदेश में शराबबंदी की निरंतर मांग कर रही हैं, उसको लेकर उन्होंने 15 जनवरी से लट्ठ लेकर सड़क पर उतरने की घोषणा भी की थी, लेकिन उनकी मांग को मानने की बजाय शिवराज सरकार ने उनको खुली चुनौती देते हुए आज केबिनेट में प्रदेश में शराब के व्यवसाय को बढ़ाने वाले और प्रोत्साहित करने वाले निर्णय लिए।
शिवराज सरकार की नई आबकारी नीति में शराब के व्यवसाय को प्रदेश में प्रोत्साहित करने वाले कई निर्णय लिये गये हैं, जिससे शिवराज सरकार का शराब प्रेम उजागर हो रहा है। शिवराज सरकार प्रदेश की जनता को शराब के दलदल में धकेलना चाहती है, इसलिये वह समय-समय पर वह इसी तरह के निर्णय लेती है।
शिवराज सरकार की नई आबकारी नीति में शराब सस्ती होगी, इससे शराब की बिक्री व डिमांड बढ़ेगी। सरकार ने घर में शराब रखने की सीमा भी बढ़ा दी है। इस निर्णय से सरकार हर घर में भरपूर मात्रा में शराब पहुंचाना चाहती है। एक तरफ तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कहते हैं वे धीरे-धीरे मध्य प्रदेश में शराब की दुकानों को बंद करना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी सरकार लगातार शराब के व्यवसाय, बिक्री व उत्पादन को बढ़ाने वाले निर्णय ले रही है।