भारतीय किसान संघ ने सौंपा ज्ञापन ,अब होगा चरणबद्ध आंदोलन
अनियंत्रित ,गैरज़रूरी बिना सहमति सिंचित भूमि के अधिग्रहण से हे किसानों में रोष ,राजस्व सम्बन्धी मुद्दे भी हुए शामिल ,बिमा राशि भी हे मुद्दों में शामिल, 2016 में भी सरकार ने की थी अनदेखी ,फिर वही हालात ,सड़क किनारे खेतों में बहता हे बरसात का पानी ,उसकी निकासी की मांग ने भी पकड़ा जोर ,पश्चिमी रिंग रोड ने फिर भरा रोष,,गाओं के अलग मास्टर प्लान की उठी मांग !
द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटव्रक इंदौर
कल सांवेर तहसील में भारतीय किसान संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में किसानों ने तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ,भारतीय किसान संघ पिछले 2 सालों से ज़मीन बचाओ का नारा ले कर किसानों के लिए संघर्ष कर रहा हे ,2016 से ले कर अभी तक सिंचित भूमियों का लगातार शहरीकरण के नाम पर अधिग्रहण किया जा रहा हे ! IDA ,MPIDC ,NHAI ऐसी संस्थाएं हैं जो लगातार शहरीकरण को बढ़ाने का काम करती आयी हैं ,और उद्योग ,सड़कों और कॉलोनियों का विस्तार कर रही हैं ! किसानों का कहना हे इसे तत्काल रोका जाना चाहिए ,और ग्रामीण विकास के लिए एक ठोस निति बनायीं जाना चाहिए ,सरकार लगातार सोची समझी रणनीति ले कर कृषि उद्योग को ख़तम करने के काम में लगी हे ! किसान संघ का कहना हे अगर किसी ज़रूरी कार्य के लिए अधिग्रहण किया जाता हे तो मुआवज़े में उसी तहसील में 2 गुना सिंचित भूमि दी जाना चाहिए !
लगातार फेल रहे सीमेंट की सड़कों के कारण आस पास के खेतों में बरसात का पानी भर जाता हे उसकी निकासी की तत्काल व्यस्था करने की भी मांग उठी ,संघ का कहना हे NHAI और दूसरी एजेंसियां सड़कों का निर्माण कर रही हैं जिन्हे थोड़ा ऊपर उठा कर बनाया जाता हे ,थोड़ी सी बरसात में ही खेतों में पानी भर जाता हे और फसल ख़राब हो जाती हे ,परंपरागत तरीके से आज तक काम कर रही इन एजेंसियों को इस बारे में तत्काल निति बनानी होगी ! संघ ने आगे कहा की हम विकास और सड़कों के विरोध में नहीं हैं लेकिन जब निर्माण किया जाता हे उस वक़्त भी किसानों की राय नहीं ली जाती हे और प्रशासन की मदद से किसानों को कुचल दिया जाता हे ! किसान खेती के लिए हल चलता हे और हर समस्या का हल भी किसान के पास होता हे ,लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जाती हे ! अल्पकालीन लाभ के दीर्घकालीन नुकसान किया जा रहा हे ! निवेश क्षेत्र में 79 गांव शामिल करने के बाद 15 गांव और शामिल किया जा रहे हैं दोनों ही निर्णय को वापस लेने की भी मांग की गयी !
खेतों में लगे बिजली के खम्बे 50 से भी अधिक वर्ष पुराने हो चुके हैं जिन्हे भी बदले जाने की मांग राखी गयी ताकि खेतों में बिजली हादसे को रोका जा सके ! म.प्र भूराजस्व अधिनियम में 2018 में किये गए किसान विरोधी संशोधन को भी वापस लेने की मांग की गयी !
सीमांकन के लिए उपग्रह से किये जा रहे सर्वे की जगह भौतिक रूप से जरीब से सर्वे की मांग की गयी,ज़मीनी विवाद बढ़ने का भी यही कारण हे ! बिमा कमानियों द्वारा भी उपग्रह सर्वे किया जा कर बिमा राशि दी जाती हे जो वास्तविक नहीं होती और किसानों के साथ धोखा होता हे ,जिसे भी तकाल रोका जाना चाहिए !
किसान संघ का कहना हे पश्चिमी रिंग रोड और इन्ही तमाम मुद्दों को लेकर अब जिले में आंदोलन की तैयारी की जा रही हे जो आगामी १० जुलाई से प्रारम्भ होगी और किसान संघ मैदान पकड़ेगा !