जो भारत की जय नहीं बोलेगा, उसे देश में रहने का हक नहीं

केंद्र सरकार द्वारा 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने के उपलक्ष्य में इंदौर के चिमनबाग मैदान में विशाल जनजाति संगम आयोजित किया गया, जिसमें इंदौर जिले तथा आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत बड़ी संख्या में जनजाति समाज के बंधु अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सपरिवार अपने स्वयं के साधन द्वारा उत्साह पूर्वक पधारे।

जो भारत की जय नहीं बोलेगा, उसे देश में रहने का हक नहीं
janjatiya sangam

इंदौर के चिमनबाग में विशाल जनजाति सम्मेलन में अमलियार ने भरी हुंकार

यह भी कहा कि जनजाति समाज परंपराओं की रक्षा करते हुए बाहरी षडयंत्रों के प्रति सजग रहे 

द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर। Indore News.

इस मौके पर प्रमुख वक्ता कैलाश अमलियार ने कहा कि जो जरूरी बातें पूरे देश के महत्व की हैं उन पर सारे जनजाति समाज को ध्यान देना आवश्यक है। हम सभी लोग इसी धरती माता के पुत्र हैं, यही हमारी मां है। हमारे समाज को इस भारतमाता की जयकार इतनी जोर से करनी है कि सारा संसार अच्छे से सुन ले।

अमलियार ने कहा कि जो कोई भी हिंदुस्थान की इस पवित्र भूमि को अपनी मां मानेगा, उसे ही इस धरती पर रहने का हक है। जो कोई भारतमाता की जय बोलेगा, जो कोई वंदेमातरम् बोलेगा, केवल वही हमारा है। हिंदुस्थान अब रुकने वाला नहीं है और हमारा जनजाति समाज भी अब रुकने वाला नहीं है।

जनजाति को साजिशों से दूर रहना होगा

अमलियार ने आगे कहा कि जो दुष्ट षड्यंत्रकारी हमारे जनजाति समाज को अपनी भारतमाता से दूर करना चाहते हैं, उनकी साजिशों से हमें सावधान रहने की जरूरत है। जनजाति समाज के वीरों का उल्लेख रामायण और महाभारत में भी आता है। रामायण में तो वनवासियों को मान देते हुए एक कांड का नाम ही अरण्यकांड रखा गया है।

उत्सव जैसा था माहौल

चिमनबाग में पूरे कार्यक्रम का स्वरूप एक उत्सव जैसा प्रतीत हो रहा था। जनजाति समाज के साथ ही अन्य हिंदू समाज भी बड़ी संख्या में जनजाति नायकों का स्मरण करने, जनजाति समाज की परंपराओं के दर्शन करने के लिए उपस्थित तथा सहभागी रहा। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण काका बाबा ना पोरिया फेम आनंदीलाल भावेल रहे, जिन्होंने पारंपरिक गीतों पर उपस्थित विशाल जनसमूह को थिरकने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में अन्य जनजाति कलाकारों ने भी गोंडी, भगोरिया, करमा नृत्य इत्यादि की अद्भुत प्रस्तुतियां दीं।

ये वक्ता रहे मौजूद

कार्यक्रम के मंच पर प्रमुख वक्ताओं मालवाप्रांत जनजाति प्रमुख कैलाश अमलियार, अनिता ठाकुर और वनवासी कल्याण परिषद अध्यक्ष प्रो मदनसिंह वास्केल के साथ ही जनजाति विकास मंच के अध्यक्ष गोविंद भूरिया, संत समाज से हीरानंद ब्रह्मचारी बाबा, बारेला समाज से कीरसिंह महाराज, भिलाला समाज से विजयसिंह सोलंकी, भील समाज से शंकरलाल कटारिया, गोंडवाना विकास परिषद से महेंद्र परते, उरांव समाज से बिरद उरांव के अलावा अजमेरसिंह भाभर, भाईराम भास्कर, राधेश्याम घोरमड़े, ओमप्रकाश बलकर आदि अतिथि उपस्थित थे। मंच संचालन डॉ. रेखा नागर और पुंजालाल निनामा ने किया। अतिथि परिचय राधेश्याम जामले और स्वागत भाषण विक्रमसिंह मर्सकोला ने दिया।

इंदौर में आदिवासियों का हुआ भव्य स्वागत

इधर जनजाति महासम्मेलन के लिए भोपाल जाने के पूर्व मालवा क्षेत्र के आदिवासी बड़ी संख्या में इंदौर पहुंचे। इंदौर में 13 स्थानों पर इन्हें ठहराने के लिए की गई हैं व्यवस्थाएं। नेहरू स्टेडियम में बनाए गए स्वागत केंद्र पर आदिवासियों का गुलदस्ता और उपयोगी सामग्री देकर स्वागत किया गया। यहां व्यवस्था के प्रभारी नगर निगम अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर हैं। उपायुक्त अरुण शर्मा  झोनल अधिकारी नागेंद्र सिंह भदौरिया, पीआरओ राजेंद्र गरोठिया, वीरेंद्र उपाध्याय ने आदिवासियों को व्यवस्थित ठहराने की व्यवस्थाएं देख रहे है। राजनगांवकर ने बताया कि यहां लगभग 700 आदिवासियों के ठहरने की लिए समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं।