सोशल मीडिया पर रील और लाइव अपडेट के चक्कर में मौत से खेल रहे युवा
सोशल मीडिया पर हीरो बनने की चाह के चलते रील बनाकर उन्हें अधिक से अधिक प्रसारित करना और उस पर अधिक से अधिक लाइक मिलने की चाह में युवा लगातार मौत से खेलते दिख रहे हैं !
दुपहिया और चार पहिया वाहन पर स्टंट करते देखे जा सकते हैं युवा, दुर्घटना का भी नहीं है डर
द एक्सपोज लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर।
आए दिन ऐसे कई दृश्य देखने को मिल जाते हैं, जिसमें आंखें फटी की फटी रह जाती है, जहां पर दुपहिया वाहनों को बेतरतीब चलाना और चार पहिया वाहनों पर भी स्टंट करना एक आम बात हो गई है , आए दिन दुर्घटना का खतरा बना हुआ है जिस और ना जिला प्रशासन न पुलिस प्रशासन कोई कार्यवाही कर रहा है !
रिंग रोड ,बायपास, बीआरटीएस पर ऐसे दृश्य अब आम हो चुके हैं जहां पर युवा मौत को नजरअंदाज करते हुए स्टंट करते दिखाई दे रहे हैं, युवाओं में सोशल मीडिया का क्रेज इस कदर हावी है कि उन्हें न घर बार की चिंता है और ना ही अपने जीवन की ! जिंदगी को हथेली पर लेकर इस तरह के स्टंट किसी भी दिन बड़े हादसों का कारण बन सकता है !
माता-पिता भी जिम्मेदार
चाइल्ड साइकोलॉजी के विशेषज्ञों की बात माने तो सोशल मीडिया के हावी होने में बच्चों के माता-पिता भी जिम्मेदार हैं क्योंकि आज बच्चा चलना बाद में सीखता है और मोबाइल चलाना उससे पहले ! कई बार माता पिता बच्चे की तारीफ करते हुए यह कहते नजर आते हैं कि हमारे बच्चों को यूट्यूब भी चलाना आता है ,इंस्टाग्राम भी देख लेता है, व्हाट्सएप फेसबुक के भी सारे फीचर्स उसको मालूम है !
यहीं से इस बीमारी की शुरुआत होती है और बच्चा वर्चुअल जिंदगी की तरफ आकर्षित हो जाता है ,जहां पहले शारीरिक खेलों को महत्व दिया जाता था आज के युवा एक बंद कमरे में बैठ अपनी जिंदगी चला रहे हैं ! सुपर सोनिक मोटरसाइकिल पर स्टंट करना और लग्जरी चार पहिया वाहनों पर स्टंट करना कहीं ना कहीं घातक हो सकता है !
चार पहिया वाहन की सनरूफ का भी हो रहा गलत इस्तेमाल
कई पालक अपने बच्चों को चार पहिया वाहन की सनरूफ से बाहर निकाल कर तेज गति से गाड़ी चलाते हैं जो कि गलत हे , लोगों को सनरूफ की अहमियत शायद समझ नहीं आयी हे ! दरअसल सनरूफ गाड़ी में रोशनी और गाड़ी के अंदर गर्मी को बाहर निकालने में काफी सहायक होती है और गाड़ी के केबिन में सनरूफ होने की वजह से गाड़ी में खुले पन का एहसास होता है लेकिन आज जनता सनरूफ को उसमें से बाहर निकल कर गलत इस्तेमाल कर रही है !
किसी भी दिन तेज गति से चलते हुए एकदम से ब्रेक लगाने की जरूरत पड़ गई तो बाहर निकला हुआ शख्स झटके के साथ सड़क पर गिर सकता है और गंभीर चोटों के साथ जनहानि भी हो सकती है आज जरूरत है कि इस और सख्त नियम बनाए जाए नहीं तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है और कितने ही मां-बाप के दुलारे भगवान को प्यारे हो सकते है !
मोबाइल "good servant but bad master"
एक रीसर्च के अनुसार ५३% बच्चे २ घंटे का औसत स्क्रीन टाइम व्यतीत कर रहें हे वहीँ ३७% पालक यह मानते हैं की उनके बच्चों में मोबाइल का अधिक उपयोग कहीं न कही उनकी पढाई ,सामाजिक बर्ताव को विपरीत रूप में प्रभावित कर रहा हे ! आज मोबाइल कंपनियों के लिए युवाओं (१८ वर्ष के आसपास ) और बच्चों का एक नया सेगमेंट उभर कर सामने आया हे।
कई आईटी कंपनियां बच्चों के लिए ऍप और गेम्स बना कर लत लगा रहीं हैं ,वहीँ इंस्ट्राग्राम पर स्टोरीज और लाइफ अपडेट डालने की बुरी लत भी लगती जा रही हे ! आज बच्चों में ज्ञान तो हे लेकिन आत्मसात नहीं कर रहे हे ,ज्ञान सिर्फ ज़ुबान पर हे ,मन और आत्मा में इसका कोई असर आज नहीं देखने को मिल रहा ! मोबाइल का उपयोग हो लेकिन दुरूपयोग रोकने में घर के बड़े बुजुर्गों को जाग्रत होने की ज़रूरत हे !