नाना ने किया था बालिका से रेप, 10 साल की जेल

विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) ने थाना संयोगितागंज के प्रकरण में आरोपी को धारा 376 (2) (आई), 376 (2) (एफ) भादवि में 10 साल की सजा सुनाई। वहीं नाबालिग को फुसलाकर ले जाने के एक अन्य मामले में 13वें अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने थाना तिलक नगर के प्रकरण में आरोपी को तीन साल की सजा दी।

नाना ने किया था बालिका से रेप, 10 साल की जेल
Pocso Act

पाक्सो एक्ट में दो मामलों में आरोपियों को सजा, एक को दस तो दूसरे तो तीन साल की कैद

द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर। Indore News.

पहला मामला

बालिका की मां ने संयोगितागंज थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 7 मार्च 2017 को वह अपने पति और बालिका को लेकर शुक्ला नगर उसकी बहन के घर प्रसादी में गई थी। रात ज्यादा हो जाने से वह बालिका को अपनी बहन के घर छोड़कर चली गई। कामकाज में व्यस्त होने के कारण अगले दिन भी बालिका को लेने नहीं गए। तीसरे दिन जब वह बालिका को लेने गए तो बालिका ने बताया कि 8 मार्च 2017 को करीब 11 बजे वह मोहल्ले के बच्चों के साथ खेल रही थी।

नाना उसे अपने साथ घर ले गया और जमीन पर लेटाकर उसके साथ गलत काम किया। जब वह चिल्लाई तो उसने कहा यह बात अगर किसी को बताई तो छत से फेंककर मार डालेंगे। बालिका की मां ने बालिका की फ्रॉक पर खून लगा देखकर पूरी घटना अपने पति को बताई और थाने रिपेार्ट करने पहुंची। आरोपी के खिलाफ धारा 376 (2) (आई), 376 (2) (एफ), 506 के साथ धारा 5 (एम) (एन)/6 पॉक्सो एक्ट का प्रकरण दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया गया था।

कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर दो-दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगताए जाने का आदेश दिया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर द्वारा की गई।

दूसरा मामला

8 दिसंबर 2017 को बालिका की मां ने पुलिस थाना तिलकनगर पर शिकायत की कि वह बंगलों पर झाडू पोछा का काम करती है। सुबह 9:30 बजे वह अपनी लड़की के साथ गोयल नगर में चार बंगलों पर काम करने गई थी। जब वह गोयल नगर में दूसरे मकान में काम करने गई तो उसने बालिका को वसुन्धरा कॉम्प्लेक्स वाले मकान में काम करने जाने के लिए कहा।

कुछ समय बाद बालिका लापता हो गई। इसके बाद वह अपने पति और भाई को साथ लेकर थाने गई। पुलिस ने बालिका की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की। पुलिस ने कान्हा को गिरफ्तार कर बालिका को बरामद कर उसके परिजनों को सौंपा और कान्हा के खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया।

कोर्ट ने कान्हा पिता अमर सोलंकी उम्र 22 वर्ष को दोषी पाते हुए धारा 363 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की राशि अदा न करने पर अतिरिक्त 01 वर्ष का सश्रम कारावास भी पृथक से भुगताये जाने का आदेश दिया गया। प्रकरण में अभियोजन कि ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर द्वारा की गई।