इंदौर-अकोला रोड पर बारिश से पहले टनल का काम पूरा करना बड़ी चुनौती

इंदौर-अकोला फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत इंदौर से बाई ग्राम के बीच 2 सुरंगे बनाई जाना हैं। ये प्रोजेक्ट तो 4 लेंन का है, लेकिन भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इन सुरंगों को 6 लेन बनाया जाना है। बारिश के पहले सुरंगों को पूरा किया जाना है, जो बड़ी चुनौती है।

इंदौर-अकोला रोड पर बारिश से पहले टनल का काम पूरा करना बड़ी चुनौती

इंदौर बायपास के तेजाजीनगर जंक्शन से बलवाड़ा के बीच वाले भाग में हो रहा है सुरंग का काम

द एक्सपोज लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर (Indore)

इंदौर-अकोला फोर लेन प्रोजेक्ट (Indore-Akola Four Lane Project) के तहत इंदौर से बाईग्राम के बीच दो सुरंगें बनाई जाना हैं। यह प्रोजेक्ट तो फोर लेन रोड का है, लेकिन भविष्य की जरूरतों को देखते हुए दोनों सुरंगों को सिक्स लेन बनाया जाना है।

एक सुरंग का काम सिमरोल के पास कुछ महीनों पहले शुरू हो चुका है, जबकि बाईग्राम के पास बनने वाली दूसरी सुरंग के लिए वन विभाग की जमीन पर काम करने की अनुमति मिलने का इंतजार है। कांट्रेक्टर कंपनी मेघा इंजीनियरिंग चाहती है कि मानसून से पहले दोनों सुरंगों का काम पूरा हो जाए और तीन-साढ़े तीन महीनों में यह करना चुनौतीपूर्ण है।

अगले साल तक पूरा होना है काम

नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इस 33.40 किलोमीटर लंबे हिस्से की फोरलेनिंग का काम हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग को 1162.20 करोड़ रुपए में सौंपा है। इसी कंपनी ने कारगिल जिले में जोजिला सुरंग भी बनाई है और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए तीन सुरंगों का काम भी कर रही है।

कंपनी को 2024 तक यह हिस्सा बनाकर तैयार करना है। इंदौर-अकोला फोर लेन प्रोजेक्ट का सबसे जटिल हिस्सा यही है, क्योंकि इसी भाग में भेरूघाट है जहां ऊंची-ऊंची पहाडिय़ों को काटकर नया नेशनल हाईवे बनाया जा रहा है। फोर लेन हाईवे और सुरंगें बनने के बाद भेरूघाट के घुमावदार और तीखे मोड़ों वाला रास्ता खत्म हो जाएगा, साथ ही गाडिय़ां आराम से आ-जा सकेंगी।

100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन

एनएचएआई अफसरों का कहना है कि इंदौर-अकोला हाईवे फोर लेन रोड के अनुरूप 100 किमी प्रति घंटा की गति के हिसाब से डिजाइन किया गया है। सिमरोल और बाईग्राम की सुरंग लगग 400-400 मीटर लंबाई की होंगी। मेघा इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर नागेेश्वर राव ने बताया कि बारिश से पहले दोनों सुरंगों को बनाकर तैयार करना है। अभी केवल सिमरोल में काम हो रहा है, जहां प्रतिदिन लगभग 3.50 मीटर लंबाई में सुरंग बनाई जा रही है।

सुरंग की चौड़ाई 16.5 मीटर और ऊंचाई 9.5 मीटर है। सुरक्षा के लिहाज से चरणबद्ध तरीके से सुरंग को तय आकार में बनाया जा रहा है। आसपास बसाहट भी है, इसलिए ब्लास्टिंग का काम दिन में ट्रैफिक रोककर करते हैं और रात में किसी तरह की ब्लास्टिंग नहीं की जाती। बाईग्राम सुरंग का काम भी जल्द होने की उम्मीद है।