बंद हो प्रदेश के सारे विकास प्राधिकरण भारतीय किसान संघ ने करी मांग
अपनी 17 सूत्रीय मांग को लेकर आगामी 22 नवंबर को भारतीय किसान संघ पूरे दलबल के साथ पहुंचेगा भोपाल
एक्सपोज लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर
कल भोपाल में भारतीय किसान संघ द्वारा एक अहम बैठक आयोजित की गई जिसमें पूरे प्रदेश के 52 प्रांतों के लगभग 700 पदाधिकारी शामिल हुए ! विभिन्न मुद्दों को लेकर भारतीय किसान संघ आगामी 22 नवंबर को भोपाल घेरने की तैयारी में हे जिसमें लगभग दो लाख किसानों के आने की उम्मीद है !
किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना हे आज किसान अलग-अलग समस्याओं से पीड़ित है जिसकी तरफ शासन प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा हे ! कई मौकों पर हमने ज्ञापन के माध्यम से शासन प्रशासन को चेतावनी भी दी थी लेकिन आज तक किसी भी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है ! इंदौर से उठी प्राधिकरण को भंग करने की मांग अब प्रदेश स्तर पर जा चुकी है ! आगामी 22 नवंबर को भारतीय किसान संघ द्वारा प्रदेश के समस्त विधायकों को ज्ञापन के माध्यम से किसानों को हो रही समस्याओं से अवगत कराया जाएगा और मांग की जाएगी कि किसानों के लिए अलग से विधानसभा सत्र हर बार आयोजित हो ,साथ ही गहरी नींद में आ चुके जनप्रतिनिधियों को जागृत करने का प्रयास भी किया जाएगा !
मुख्य मांगे
- बिजली विभाग से आ रही परेशानी
- सहकारिता सोसाइटी एवं बैंक व्यवस्था से हो रही दिक्कतें
- राजस्व विभाग प्रदेश के अंदर कुल भूमि सिंचित भूमि और सिंचित भूमि बंजर भूमि कृषि से होने वाली आय एवं उस पर खर्च कृषि से प्राप्त रोजगार से संबंधित
- जल संसाधन विभाग प्रदेश में उपलब्ध जल का उपयोग
- कृषि विभाग प्रदेश में होने वाली उपज कुल उत्पादन कुल कपास जैविक कृषि स्थिति उद्यानिकी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
- मंडी एवं ग्रामीण हाट बाजार
- पशुपालन
- आवारा एवं जंगली पशु की स्थिति
- वनांचल क्षेत्र और स्थिति वनवासी समाज का आर्थिक स्वावलंबन आदि विषय
- वर्तमान में विकास प्राधिकरण बंद करना चाहिए जो केवल योजनाओं के नाम पर किसानों की जमीन का व्यापार कर रहा है उससे सस्ते प्लाट स्थाई कॉलोनाइजर बिना लीज लिए उपलब्ध कराते हैं
आज सबसे बड़ी समस्या जो किसान के सामने है वह उसके रोजगार की जिसे विकास के नाम पर किसानों से छीना जा रहा है और विकास प्राधिकरण को फायदा पहुंचाने की मंशा को विकास का नाम दिया जा रहा है ! अपनी कार्यशैली को लेकर बदनाम हो चुका विकास प्राधिकरण अबे कॉलोनाइजर की भूमिका एक तैयार कर चुका है जिसके पास में अधिग्रहण के विशेष अधिकार शासन द्वारा दिए गए ! प्रदेश का कोई भी प्राधिकरण हो और विशेष रूप से इंदौर विकास प्राधिकरण जिसने विकास के नाम पर पूरे शहर का और विशेषता किसानों का शोषण ही किया है और यह जग जाहिर सत्य है ! हम विकास के विरोधी नहीं हैं लेकिन विकास के नाम पर जो विनाश किया जा रहा है हम उसका विरोध कर रहे हैं ! नए-नए कानून बनाकर विकास प्राधिकरण को लाभ पहुंचाया जा रहा है और जो भी कानून भूमि अधिग्रहण को लेकर बनाए जा रहे हैं उनमें किसानों कि कहीं कोई सहभागिता नजर नहीं आती है ! सड़कें जिसे विकास कहा जाता है को बनाने के लिए प्रदेश में नगर पालिका ,नगर निगम ,पंचायतें, लोक निर्माण विभाग ,नेशनल हाईवे अथॉरिटी पहले ही मौजूद है ऐसी स्थिति में प्रदेश को विकास प्राधिकरण की कोई जरूरत नहीं है ! और हम मांग करते हैं इन्हें तत्काल भग किया जाए ! आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए आयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह अंजना के साथ कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे !