इंदौर में फर्जी डॉक्टर को किसका संरक्षण, नहीं हो रही कार्रवाई

अजय हार्डिया अपनी संस्था पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ एमपी के माध्यम से अवैध रूप से कॉलेज और हॉस्पिटल चला रहा है। फिलहाल में वह देवी अहिल्या कैंसर अस्पताल का संचालन कर रहा है, जिसकी अनुमति उसने सीएमएचओ से कभी भी नहीं ली है।  

इंदौर में फर्जी डॉक्टर को किसका संरक्षण, नहीं हो रही कार्रवाई

बार बार शिकायत होने और जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी धड़ल्ले से चल रहा अस्पताल

बड़े नेताओं के साथ और फर्जी अवार्ड व पुरस्कार के फोटो ले कर खुद को कर रहा स्थापित

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर

अजय हार्डिया जिस प्रमाण पत्र के जरिए अनुमति ली  जाना बता रहा है, वह प्रमाण पत्र किसी डॉ. राकेश जैन  के नाम का होम्योपैथी के लिए अरिहंत क्लिनिक चलाने  के लिए लिया गया था,  जिसे हार्डिया ने काट छांट कर  अपने  देवी अहिल्या अस्पताल का  बना लिया।

हार्डिया ने खुद को एलोपैथी का डॉक्टर बता दिया और 1-आनंद नगर, चितावद रोड  पर अस्पताल  बना लिया और उसी फर्जी प्रमाण पत्र से  कॉलेज की भी अनुमति ले ली। लगातार विज्ञापन दे कर भी अपने आपको डॉक्टर लिख रहा है, जिस पर भी प्रशासन की निगाह नहीं जा रही है।    

हो चुकी है एफआईआर

जब मामले में हार्डिया पर शिकायत हुई और जांच में भी यह दोषी भी पाया गया, तब  इसके ऊपर FIR  भी हुई। पर आज दिनांक तक भी इस अस्पताल को सील नहीं किया गया है और न ही  हार्डिया पर  कोई कार्रवाई की गई।  सीएमएचओ की तरफ से दो-दो बार जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी जांच ठंडे बास्ते में दाल  दी गई।

कलेक्टर का आदेश भी हवा में

लगभग एक साल पहले कलेक्टर  को भी शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत की गयी,  जिस पर कलेक्टर  ने तुरंत सात दिवस में रिपोर्ट देने का आदेश दिया,  जो आज दिनांक तक भी प्रस्तुत नहीं हुई है। इसके पहले प्रमुख सचिव चिकित्सा भी कलेक्टरों को आदेश दे चुके हैं की हर 30 दिन में ऐसे फर्जी डॉक्टरों को चिन्हित कर कारवाही की जाये और रिपोर्ट भोपाल भी भेजी जाए, लेकिन आज तक उस पर भी अमल नहीं किया जा रहा है। 

हमे मौके पर कोई नहीं मिलता

मामले में हमने 2 बार डॉक्टरों की टीम भेजी थी, लेकिन मौके पर कोई भी नहीं मिलने से कार्यवाही नहीं की जा सकी। हम एक बार फिर टीम भेज कारवाही करेंगे। हमे लगातार शिकायत मिल रही है। 

  • डॉ. भूरे सिंह सैत्या,  सीएचएमओ इंदौर