वायरल हो रहा नीलगाय (रोजडे) का किसान को मार कर खाना

इंटरनेट सोशल मीडिया पर नीलगाय को पहले एक शख्स को मार देना और फिर उस शख्स के शव को  उठाकर खेत में जाकर खा लेना वाला vdo  तेजी से  वायरल हो रहा हे !

वायरल हो रहा नीलगाय (रोजडे) का किसान को मार कर खाना

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क  इंदौर 

कल  सुबह से ही व्हाट्सएप और फेसबुक पर यह खतरनाक वीडियो वायरल हो रहा हे जिसमें एक नीलगाय (रोजडे) ने किसान पर इस बर्बरता से हमला किया उसकी मौत हो गई बात यहीं तक नहीं रुकी  नीलगाय द्वारा उसके शव को उठाकर खेत में ले जाकर खाते हुए भी देखा जा सकता हे ! सूत्रों की माने तो यह क्लिप गुजरात के भिलोदा के खोडंबा के पास  गांव की हे !

मध्य प्रदेश भी रोजड़ों के आतंक से हो रहा प्रभावित 

इसी नीलगाय की समस्या मध्यप्रदेश में भी भरपूर है और पिछले दिनों भारतीय किसान संघ द्वारा राज्य शासन से नीलगाय की समस्या को सुलझाने का आश्वासन भी  मुख्यमंत्री से माँगा  गया था ! ज्ञात रहे युवा किसान संघ द्वारा मुख्यमंत्री  और कृषि मंत्री को पत्र लिखकर इस बारे में मांग की गई थी तब वन्य विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा एक पत्र का हवाला दिया गया था उक्त पत्र में स्पष्ट था कि वर्ष 2003 से ही राज्य शासन अनुविभागीय अधिकारी को अपने अपने राजस्व क्षेत्र में फसलों को नुकसान करने वाले रोजडे और जगली सुअर का आखेट कर सकते है और किसानों को रोजडे  का शिकार करने की अनुमति देने को कहा गया हे  !  युवा किसान संघ और भारतीय किसान संघ द्वारा समय-समय पर अधिकारियों से संपर्क भी किया जाता रहा है और पत्र में दी गई छूट को किसानों को देने का भी कहा गया लेकिन कोई भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा  ।

इस जानवर को नीलगाय कहना गलत 

यदि वर्ष 2003 से अधिकारियो ने इस आदेश का पालन किया होता तो इनकी इतनी संख्या भी नहीं बढ़ती और मानव/फसल  हानि भी नही होती।युवा किसान संघ के सचिव विपिन पाटीदार का कहना हे  कि यह जानवर गाय प्रजाति का नहीं हिरण प्रजाति का हे इसे  गाय कहना उचित नहीं हे  और आम बोलचाल की भाषा में किसान इसे रोजडे के नाम से ही जानता है ! इस जानवर की संख्या को कम करने के बारे में भी सोचा जा सकता है ,जैसे नसबंदी या इन्हें पकड़कर कहीं दूर  जंगलों में छोड़ा  भी जा सकता है  ! बेशक इसमें लोगों की जरूरत पड़ेगी  जिन्हें अस्थाई तौर पर वन्य विभाग द्वारा रखा जा  सकता है जिनका काम रोजड़ों  को पकड़ कर उनकी नसबंदी कर उन्हें स्थानांतरित करने का ही हो , लेकिन अधिकारी अभी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं और किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं