कैलाश के टिकट ने गर्म कर दिया बाजार

कैलाश के विधानसभा में टिकट मिलते ही बहस बाजार भी गर्म हो गया ,कहीं राजनैतिक विश्लेषण ,कही जीत हार के आंकड़े ,तो कहीं इन्दोरी मिज़ाज़ अनुसार ठिलवाई

कैलाश के टिकट ने गर्म कर दिया बाजार

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर 

इस गंभीर चुनावी माहौल में भी इन्दोरी कहीं न कहीं मनोरंजन के बहाने ढूंढ ही  लेता हे ,कैलाश का टिकट 1 नंबर से घोषित होते ही भाजपाई जहाँ जीत के प्रति अतिउत्साह में आ गए ,वहीँ कुछ ने तो जीत का जश्न भी शुरू कर दिया ! हर कोई आज बात कर रहा हे तो विधानसभा 1 की ,बेशक कांग्रेस की तरफ से संजय के टिकट की कोई आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई हे लेकिन माना जा रहा हे कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में खुद संजय अपनी आदत अनुसार पीछे नहीं हटेंगे ! 

जैसे ही भाजपा ने टिकट की घोषणा करी कई जगह चुनावी चटखारे भी सोशल मीडिया विश्वविद्यालय में आने लगे। कही संजय को रमेश मेंदोला से बात करते हुई ऑडियो क्लिप वायरल कर दी गयी जिसमे संजय दादा से यह कहते हुए सुनाई देते हैं की गोलू मेरे भाई को टिकट दे देते खुद ही मैदान में आ गए ? वहीँ कई जगह उनके पोस्टर यह कहते हुए वायरल हो रहे हैं की " यह तो सरासर चीटिंग हे ,में नीं खेल रिया " ! कहीं जीत हार के सटीक अंतर की भी घोषणा हो गयी तो कहीं रणनीतियां भी भाजपा कांग्रेस के लिए बनने लगी ! "बाणेश्वरी " और "कनकेश्वरी" भी मैदान में हे !  जिस व्यक्ति का चुनावी विश्लेषण मौके पर पब्लिक को पसंद आ रहा हे उस व्यक्ति के हावभाव भी देखते बन रहे हैं ! कई जगह संजय के साथ सांत्वना भी देखने को मिल रही हे ,तो कई जगह कैलाश का समर्थन भी इस कदर की शक्श खुद  संजय के सामने मैदान में हे ! 

बहरहाल कैलाश एक मंझे राजनीतिज्ञ हैं ,चुनावी मैनेजमेंट पर उनकी कमान का लोहा भाजपा और जनता दोनों मानती हे ,भाजपा ने कैलाश को चुनावी रण में संजय के सामने उतार कर कहीं न कहीं संजय का कद और बढ़ा दिया हे,बेशक नतीजे आने में वक़्त हे लेकिन कैलाश से ज़्यादा  चर्चा आज संजय की हो रही हे ! महापौर चुनाव में  संजय में भी परिपक्वता की कमी देखने को नहीं मिली वहीँ ज़मीनी स्तर पर संजय की मेहनत भी  किसी से छुपी नहीं ,तन ,मन और धन पूरी श्रद्धा भक्ति से पिछले 5 सालों में खर्च किया गया ! वे खुद मीडिया से मुखातिब हो कह चुके हैं की कैलाश उनके पिता तुल्य हैं और दोनों परिवारों की घनिष्ठता भी किसि से छुपी नहीं ,कैलाश के वज़ीर कहे जाने वाले मेंदोला कई बार संजय के बड़े धार्मिक आयोजनों की कमान सँभालते देखे गए थे ! एक बात तो कही जा सकती हे आने वाला चुनाव 1 नंबर विधानसभा पर ही ज़यादा केंद्रित दीख रहा हे ,जैसा पिछले चुनाव में देखा गया था वैसी चुनावी शालीनता किसी भी रूप में भंग  होते नहीं दीख रही क्यूंकि सामने और कोई नहीं खुद कैलाश मैदान में हैं लेकिन चुनावी रणनीति में दोनों ही पक्ष अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे ,कैलाश के आते ही चुनावी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं और शायद और तेज़ी से बदलेंगे भी ,नतीजे जो भी हों कहीं न कहीं संजय को इस युद्ध का फायदा अनुभव के रूप में जीवनपर्यन्त काम ही आने वाला हे !