सावधान : महालक्ष्मी में पैदल चल रहे हैं तो हो जाएँ सचेत

सिर्फ महालक्ष्मी नहीं बल्कि इंदौर की लगभग सारी कॉलोनियों में कुत्तों का आतंक,लगातार बढ़ रही आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं

सावधान : महालक्ष्मी में पैदल चल रहे हैं तो हो जाएँ सचेत
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द एक्सपोज़ लाइव न्यूज नेटवर्क इंदौर

देश के सबसे स्वच्छ शहर  इंदौर में लगातार आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ती जा रही है और साथ ही इन कुत्तों की जनसंख्या में भी लगातार  इजाफा हो रहा है ! इंदौर की सबसे पॉश कॉलोनी कहीं जाने वाली महालक्ष्मी नगर ,श्रीनगर ,साकेत नगर हो या कोई और ,आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है! बेशक निगम द्वारा डॉग रूल्स के तहत कुत्तों को पकड़ कर नसबंदी कराई जाती है लेकिन यह प्रक्रिया भी इतनी सरल नहीं है क्यों कि जब-जब निगम की टीम इस कार्य को अंजाम देने के लिए फील्ड पर आती है क्षेत्र के डॉग लवर्स इसका विरोध दर्ज कर प्रक्रिया को होने नहीं देते ! अभी हाल ही में वाघ बकरी चाय के मालिक की मौत कुत्तों के हमले से ही हुई थी !  

आवारा कुत्तों की जनसंख्या का कोई आंकड़ा किसी के पास नहीं है ! जिम्मेदारों का कहना है कि इस तरह का कोई आंकड़ा न कभी मिला है ना कभी मिल सकता है ! अगर इसकी जनसंख्या का आंकड़ा लेने की कोशिश की जाए तो यह बहुत जटिल और महंगी प्रक्रिया है ! वित्तीय तंग हाली से जूझ रही निगम के लिए आज यह संभव भी नहीं है !

नाम नहीं छापने की शर्त पर एक पशु प्रेमी का कहना है की कुत्तों को खाना देने के पीछे पशु प्रेम तो है ही एक अंधविश्वास भी जुड़ा है जिसके चलते लोग कुत्ते को जहां चाहे वहां टोस्ट या खाने  की चीज डाल देते हैं ! बेशक ऐसा करने से शहर में गन्दगी की समस्या भी होती हे लेकिन पशु प्रेम में लोग स्वछता भी भूल रहे हैं ! 

“विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर प्रति वर्ष लगभग 59,000 लोग रेबीज से मरते हैं, और मनुष्यों में रेबीज के अधिकांश मामले कुत्ते के काटने का परिणाम होते हैं। पूरे एशिया में सरकारें नियमित रूप से सड़क पर रहने वाले कुत्तों को  आश्रय देकर उनके प्रबंधन के लिए कई तरीकों का सहारा लेती हैं।''

भूटान पुरे विश्व में नंबर 1 

14 साल के कुत्ते जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम के बाद, भूटान ने खुद को दुनिया का पहला देश घोषित किया है जिसने अपने पूरे आवारा कुत्तों की आबादी को पूरी तरह से स्टरलाइज़ और टीकाकरण किया है। एक वैश्विक पशु दान, ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल (एचएसआई), जिसने कार्यक्रम को लागू करने में मदद की, ने यह घोषणा की हे ।

क्यों काटते हैं कुत्ते,और क्या है इलाज

निगम द्वारा कुत्तों के वैक्सीनेशन के लिए दो कंपनियों को ठेके दिए गए हैं जिन्हें इन कुत्तों को पड़कर एंटी रेबीज वैक्सीनेशन और एंटी एंजायटी का डोज लगाया जाता है उसके बाद तीन से चार दिन ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद उन्हें उसी जगह पर छोड़ दिया जाता है जिस जगह से उन्हें उठाया गया है ! कुत्तों के काटने की समस्या तभी होती है जब कुत्ते भूखे होते हैं या उन्हें डराया जाता है ! ऐसा करने पर कुत्ते आमजन को काटने भी लगते हैं ! अक्सर देखा गया है की सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले और छोटे बच्चों कोसाथ में घूमने वाले पालक गण  हाथ में डंडा रखकर चलते हैं और सुरक्षा की दृष्टि से कुत्तों को पास में आने नहीं देते , जैसे ही कुत्ते पास में आते हैं उन्हें डरा दिया जाता है जो स्वाभाविक भी हे ! कार्यवाही तो की जाती हे लेकिन डॉग लवर्स कई बार कार्यवाही होने नहीं देते जिसके कारण कई परेशानियों भी आती हैं ! सागर (स्वास्थ विभाग नगर निगम इंदौर )