3 जनवरी से शुरू होगा किशोरों का टीकाकरण
प्रदेश के समस्त विद्यालयों में उल्लेखित 15 से 18 वर्ष के किशोर बालक/बालिकाओं को एक निश्चित कार्ययोजना के तहत 3 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने तय किया कार्यक्रम, पूरे प्रदेश के लिए निर्देश जारी
द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर। Indore News.
मध्यप्रदेश में भी 3 जनवरी 2022 से 15 से 18 वर्ष के किशोर बालक/बालिकाओं का कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रारंभ किया जा रहा है। इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग उप सचिव प्रमोद सिंह ने प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
निर्देश में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर सभी जिला शिक्षा अधिकारी जिले में पंजीकृत समस्त शिक्षा संस्थान (सरकारी, निजी अनुदान प्राप्त मदरसे, एकलव्य विद्यालय नवोदय विद्यालय, आर्मी विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय एवं पॉलिटेक्निक/आई.टी.आई. कॉलेज तथा अन्य शिक्षा संस्थान) के अध्ययनरत, ड्रापआउट एवं स्कूल छोड़ चुके 15 से 18 वर्ष के विद्यायार्थियों की सूची मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उपलब्ध करवाएंगे।
अधिकारी करेंगे मॉनीटरिंग
15 से 18 वर्ष के किशोर बालक/बालिकाओं के कोविड-19 वैक्सीनेशन के संबंध में शिक्षकों का उन्मुखीकरण कराया जायेगा। कोविड-19 वैक्सीनेशन में शिक्षा विभाग से संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों/शिक्षकों द्वारा मोबिलाईजेशन में सक्रिय सहयोग लिया जायेगा। डी.ई.ओ., बी.ई.ओ., बी.आर.सी.सी. एवं अन्य अधिकारियों द्वारा स्कूलों में होने वाले वैक्सीनेशन की शत-प्रतिशत उपलब्धि के लिए मॉनिटरिंग की जायेगी, जिससे पात्र बालक/बालिका वैक्सीनेशन से वंचित ना रहे।
सभी बच्चों की उपस्थित होगी
स्कूलों में आयोजित होने वाले कोविड-19 वैक्सीनेशन सत्रों हेतु आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तीन कक्ष (प्रतीक्षा/पंजीयन कक्ष, टीकाकरण कक्ष तथा निगरानी कक्ष), पेयजल, टॉयलेट, परिसर में स्वच्छता आदि की व्यवस्था एवं कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। सत्र आयोजन के दिन स्कूलों में पंजीकृत 15 से 18 वर्ष के बालक/बालिकाओं की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी।
1 जनवरी से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन
15-18 वर्ष की आयु के बच्चे 1 जनवरी से CoWIN ऐप पर पंजीकरण कर सकेंगे। इसके लिए CoWIN ऐप पर कुछ आवश्यक बदलाव किए गए हैं। इसमें 10वां दस्तावेज आईडी कार्ड जोड़ा गया है, जिसे स्टूडेंट आईडी कार्ड नाम दिया गया है। ऐसे में बच्चों के पास आधार कार्ड यानी कोई पहचान पत्र ना भी हो तो भी वे टीकाकरण का लाभ ले सकेंगे।