शराबखोरों को शिवराज ने दिया बड़ा झटका

एमपी के इतिहास में पहली बार 1 अप्रैल से शराब के अहाते बंद होने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में तीन हजार से अधिक शराब के आते हैं, जो अब हमेशा के लिए वीरान हो जाएंगे।

शराबखोरों को शिवराज ने दिया बड़ा झटका

क्योंकि 1 अप्रैल से मध्यप्रदेश के सभी शराब आहाते बंद, घर पर पियो या बैठो बीयर बार में

द एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क, भोपाल।

अब शराब के शौकीनों के लिए अब घर या बार बस दो ही ऐसे स्थान रहेंगे, जहां पर वे मदिरापान कर सकेंगे। इन दोनों स्थानों के अलावा यदि किसी ने कहीं पर भी शराब पार्टी करने की कोशिश की तो शिवराज सरकार की पुलिस डंडे से उसका स्वागत करेगी।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार एक अप्रैल से शराब के अहाते बंद करने जा रही है। इसके बाद यदि शराबी सड़क पर शराब पीते हुए दिखाई दिए तो उन्हें डंडे पड़ेंगे। इसके अलावा कानूनी कार्रवाई अलग से की जाएगी। 

सीएम ने उज्जैन में किया ऐलान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में नववर्ष के अवसर पर मंच से यह ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार आगे भी शराब और नशा मुक्ति के लिए लगातार अभियान चलाती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि जो नियम बनाए गए हैं, उनका सख्ती से पालन कराया जाएगा और नियम सभी के लिए बराबर रहेंगे।

सस्ता नशा करने वालों को करनी पड़ेगी जेब ढीली

अहाते बंद करना मध्य प्रदेश में शराबबंदी की ओर बड़ा कदम भी बताया जा रहा है। शराब के आहते पर कम कीमत चुका कर लोग नशा कर लेते थे। लेकिन, अब अहाते बंद होने के बाद शराब के शौकीनों को बीयर बार में अधिक राशि चुकानी पड़ेगी।

सरकार का यह बड़ा कदम भी लोगों को शराब से दूर करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। आम तौर पर शराब गरीबों की रसोई का बजट भी बिगाड़ देती है। गरीब लोग दिन भर की मेहनत की कमाई को शराब की दुकान पर उड़ा देते हैं। 

महिला वोट बैंक का आकर्षण बढ़ेगा

प्रदेश में शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लगातार आंदोलन कर रही थीं। इसी कड़ी में सरकार ने अहाते बंद कर पूर्व मुख्यमंत्री के आंदोलन को सफल करने की दिशा में कदम उठाया है।

यह भी माना जा रहा है कि अहाते बंद होने के बाद मध्य प्रदेश की महिला वोट बैंक का बीजेपी की ओर आकर्षण अधिक बढ़ जाएगा। सरकार ने इस बार लाडली बहना योजना के जरिए भी महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया है। लेकिन, सरकार की नई आबकारी नीति भी गांव गांव में लोगों के बीच शराबबंदी को लेकर उठाए गए कदम का हिस्सा मानकर चर्चा का विषय बनी हुई है।