मर जाऊंगा लेकिन इंदौर की परंपरा और संस्कृति को नहीं मरने दूंगा 

इंदौर संभाग क्रिकेट एसोसिएशन की वार्षिक साधारण सभा और पुरस्कार वितरण समारोह में बोले कैलाश विजयवर्गीय 

मर जाऊंगा लेकिन इंदौर की परंपरा और संस्कृति को नहीं मरने दूंगा 

द एक्सपोज लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर  

आज भाजपा महासचिव और IDCA  के अध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय वार्षिक साधारण सभा और पुरस्कार वितरण समारोह में पुराने संस्मरण को याद करते हुए फिर बोले कि "मैं इंदौरी हूं और इंदौर की परंपरा और संस्कृति को किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होने दे सकता !  उन्होंने यह बात इंदौर की सराफा चौपाटी से संबंधित वाकयों  में बोली , उन्होंने कहा कि इंदौर का हर व्यक्ति भले ही वह  मध्यम वर्गीय हो या धनाठ्य वर्ग का , वह सराफा चौपाटी जाकर चाट ,गराडू  जरूर खाता है और यही कारण है कि आज सराफा पूरे विश्व में लोकप्रिय भी हो गया ! उन्होंने पुराणी कुछ  बातों को याद करते हुए कहा कि कई अफसर ऐसे भी आए जिनकी सोच यह थी यह पटरी बाजार बंद हो जाना चाहिए  क्यूंकि इस बाजार के देर रात खुला रहने से सहारा की कानून व्यवस्था पर विपरीत असर दाल सकता हे और उन अफसरों की ज़िद  ने लगभग तय  कर लिया था कि सराफा बंद हो लेकिन मैंने बंद नहीं होने दिया !  बेशक उसमें मेरे उनसे कई बार गंभीर विवाद भी हुए ! इसके पीछे के कारणों का उन्होंने उल्लेख करते हुए बताया कि सराफा चौपाटी का इतिहास कोई आज का नहीं है यह बाजार  वर्षों से चला आ रहा एक लोकप्रिय बाजार हे  जो हर इंदौरी के दिल में धड़कता हे !  उन्होंने कोठारी मार्केट के फ्रूट चाट वाले का भी जिक्र किया और कहा कि जब मैं स्कूल में कबड्डी और वॉलीबॉल खेला करता था तो इसी दुकान पर आकर फ्रूट चाट  खाता था और आज उस फ्रूट चाट  वाले की तीसरी पीढ़ी आज वही व्यवसाय कर रही हे !  कई जिद्दी अधिकारियों ने इस दुकान को भी बंद करने की बहुत कोशिश करी लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया क्यूंकि मैं एक इंदौरी हूं और किसी भी कीमत पर इंदौर की पहचान को मिटने नहीं दे सकता !

पुरस्कार वितरण में उन्होंने खिलाड़ियों को भी धैर्य और सीखने की लालसा हमेशा रखने की हिदायत दी और कहा आप कितने भी अच्छे क्रिकेटर बन जाए किसी भी स्तर पर आप खेले लेकिन सीखने की लालसा हमेशा बनाए रखेंगे तो बेहतर से बेहतरीन बन जाएंगे !

कई राजनीतिक संस्मरणों  को याद करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा संगठन ने  हमेशा मुझ पर अंधा भरोसा किया है और मैं लगभग हर जगह खरा भी उतरा हूं  ! कई काम मुझे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने ऐसे दिए हैं जिसमें ना मुझे जगह की भौगोलिक परिस्थितियों का ज्ञान था ना ही वहां के राजनीतिक समीकरणों का लेकिन संगठन ने मुझे वह जिम्मेदारी सौंपी और मैं उसमें खरा उतरा उसके पीछे कारण यह है कि मैं जब भी कहीं जाता हूं सबसे पहले अपनी टीम खड़ी करता हूं और उस टीम की काबिलियत के अनुसार उन पर अंधा भरोसा भी करता हूं !  मेरी जीत का सबसे बड़ा यही कारण हे , आज मैं जो कुछ हूं मेरी टीम के कारण हूं ,ठीक इसी प्रकार क्रिकेट भी एक टीम गेम है और हर कप्तान को चाहिए सबसे पहले वह सही खिलाड़ियों का चयन करें और उनकी काबिलियत के अनुसार उन पर अंधा भरोसा करें उनकी कमियों को दूर करें तो कामयाबी कोई बहुत बड़ी चीज नहीं हे ! 

मध्य प्रदेश रणजी टीम द्वारा रणजी ट्रॉफी लेने पर उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि जब मैं पहली बार अध्यक्ष बना था उसी दिन मेरा सपना था रणजी ट्रॉफी फिर से मध्यप्रदेश के पास आए और इस साल वह संभव हुआ जो मेरे जीवन का सबसे बेहतरीन पल हे ! वार्षिक साधारण सभा में अशोक कुमट , सुशील दोषी,संजय  लुनावत , रमेश मेंदोला ,चंदु शिंदे ,बेहराम बमंगरा ,मोहन सिंह राठौर , देवाशीष निलोसे , अमिताभ विजयवर्गीय  और अनुराग विजयवर्गीय के साथ में कई गणमान्य हस्तियां भी मौजूद थी !

अध्यक्ष चुनाव की बारी आते ही जब सभी सदस्यों ने उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया जिसे पहले तो विजयवर्गीय  ने ठुकराया लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय कमेंटेटर सुशील दोषी ने उनसे आग्रह किया तो वह कुछ नहीं कह पाए और उस आग्रह को आदेश समझ  अपने आसन पर वापस बैठ गए ! उन्होंने कहा मैं बेशक टाइम नहीं दे पाता हूं और दे भी नहीं पाऊंगा लेकिन क्रिकेट के साथ में हमेशा जुड़ा हूं और जुड़ा रहूंगा ! देवाशीष निलोसे  न IDCA के सफर को विस्तार से बताते हुए कहा की IDCA   एक जमाने में पाई पाई के लिए मोहताज था लेकिन आज मध्य प्रदेश क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण संगठन हे ! आज वो न सिर्फ  सक्षम हे बल्कि अपने दूसरे साथी  संगठनों की मदद के लिए भी हमेशा तत्पर रहा हे ! खेल और खिलाड़ियों का विकास आईडीसीए की मूल भावना है और इस मूल भावना को कैलाश जी के नेतृत्व में ही आगे बढ़ाया जा सका हे ! कार्यक्रम का संचालन सुशील पगारे ने किया !