भोपाल और इंदौर में लागू होगी पुलिस कमिश्नरी
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को बड़ा ऐलान किया है। सीएम ने राजधानी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की घोषणा की है। सीएम ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। माना जा रहा है कि अप्रैल 2021 से यह लागू हो जाएगी।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया बड़ा ऐलान, चार से पांच माह में होगी लागू
गृहमंत्री और भाजपा ने की निर्णय की सराहना तो वहीं कांग्रेस ने कहा सिर्फ घोषणा
द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, भोपाल। Bhopal News.
सीएम चौहान ने कहा है कि प्रदेश के 2 बड़े महानगरों में राजधानी भोपाल और स्वच्छ शहर इंदौर में हम पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर रहे हैं। प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहतर है पुलिस अच्छा काम कर रही है। पुलिस और प्रशासन ने मिलकर कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन शहरी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। भौगोलिक दृष्टि से भी महानगरों का विस्तार हो रहा है और जनसंख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसलिए कानून और व्यवस्था की कुछ नई समस्याएं पैदा हो रही हैं। उनके समाधान और अपराधियों पर नियंत्रण के लिए यह फैसला किया है।
बोले होम मिनिस्टर-मजबूत होगा सिस्टम
सीएम के इस फैसले का मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आभार माना है। मिश्रा ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भोपाल और इंदौर की जनता को बधाई देता हूं। इससे कानून प्रणाली मजबूत होगी। कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने में यह अच्छा कदम है। यह नया समीकरण आईटी, सोशल मीडिया और अन्य क्षेत्रों में व्यवस्थित कानून व्यवस्था लागू करेगा।
वीडी शर्मा ने किया सीएम का अभिनंदन
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ट्वीट किया है कि कानून व्यवस्था को और बेहतर करने एवं अपराधियों पर नियंत्रण की दृष्टि से प्रदेश के दो बड़े महानगरों भोपाल एवं इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू करने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अभिनंदन। दोनो महानगरों की जनता को इस निर्णय का लाभ मिलेगा।
कभी न पूरी होने वाली घोषणा
वहीं कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने ट्वीट किया है कि मध्यप्रदेश के इंदौर-भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली की घोषणा कोई नई नहीं है। यह घोषणा भी शिवराज जी की 22 हज़ार कभी नही पूरी हुई घोषणाओं में से ही एक है। इस घोषणा के बाद बस आईएएस और आईपीएस लाबी को आमने-सामने कर दिया जाता है।
पुलिस को मिलेंगे कई पॉवर
- आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- जिले की कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसलों को लेने का अधिकार कमिश्नर के पास होगा।
- होटल के लाइसेंस, बार के लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी इसमें शामिल होंगे।
- धरना प्रदर्शन की अनुमति, लाठी चार्ज, बल प्रयोग के मामले पुलिस तय करेगी।
- जमीन संबंधी विवादों के निस्तारण का अधिकार भी पुलिस को मिलेगा।
ऐसे काम करेगा सिस्टम
- भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के भाग 4 के अंतर्गत डीएम यानी आईएएस को पुलिस पर नियत्रंण के अधिकार भी होते हैं, पर ये आईपीएस को मिल जाएंगे।
- कमिश्नर का मुख्यालय न जाएगा और एडीजी स्तर के सीनियर आईपीएस को पुलिस कमिश्नर बनाया जाएगा।
- महानगर को कई जोन में विभाजित किया जाता है, हर जोन में एसपी स्तर का अधिकारी डीसीपी होगा।
- एएसपी स्तर के अधिकारी एसीपी कहलाएंगे और दो से चार थानों के लिए जिम्मेदार होंगे।