इंदौर नगर निगम पर अवैध विज्ञापनों का संकट: स्मार्ट सिटी के बोर्ड्स पर कब्जा, सौंदर्यीकरण पर सवाल
इंदौर नगर निगम (IMC) को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, और यह विकास कार्यों की धीमी गति के लिए एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है। लेकिन, शहर की स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत लगाए गए साइन बोर्ड्स और होर्डिंग्स पर अवैध विज्ञापनों की बाढ़ ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक्सपोज़ लाइव न्यूज़ नेटवर्क इंदौर : निगम के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर बिना अनुमति के निजी प्रतिष्ठानों के विज्ञापन लगे हुए पाए गए हैं। सड़कों के किनारे, सार्वजनिक स्थलों, और स्मार्ट सिटी के लिए बनाए गए साइन बोर्ड्स पर यह विज्ञापन अवैध तरीके से लगाए जा रहे हैं, जिससे शहर की सौंदर्य और स्वच्छता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल
हाल ही में नगर निगम ने दुकानों पर लगे प्रतिष्ठानों के बोर्ड्स को नियमों के दायरे में लाने का प्रयास किया था। इसके तहत, दुकानदारों से एक निश्चित शुल्क लेकर साइन बोर्ड्स के नियमन की योजना बनाई गई थी। लेकिन जब इस प्रस्ताव का भारी विरोध हुआ, तो निगम ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।
हालांकि, इस विरोध के बावजूद, अवैध तरीके से लगे इन होर्डिंग्स और बोर्ड्स को हटाने की कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यह शहर के सौंदर्यीकरण प्रयासों को बाधित कर रहा है। ऐसे विज्ञापन न केवल नगर निगम के राजस्व को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि शहर की सड़कों और सार्वजनिक स्थलों की खूबसूरती को भी बदसूरत बना रहे हैं।
अवैध विज्ञापनों का बढ़ता प्रकोप
सूत्रों के अनुसार, पिछले एक साल में इंदौर शहर के प्रमुख स्थानों पर 500 से अधिक अवैध विज्ञापन बोर्ड्स लगाए जा चुके हैं। इसमें से 70% विज्ञापन स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में हैं, जहां प्रशासन का सीधा नियंत्रण होना चाहिए।
नगर निगम के पास इन अवैध विज्ञापनों को हटाने के लिए विशेष दल हैं, लेकिन इनकी सक्रियता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कई बार शिकायतें मिलने के बावजूद, कार्रवाई की गति धीमी रहती है। शहरवासियों का कहना है कि निगम इन अवैध विज्ञापनों पर कड़ी निगरानी नहीं रख रहा है, जिससे यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
नगर निगम के सामने यह एक बड़ी चुनौती बन चुकी है कि वे कैसे इन अवैध होर्डिंग्स को हटाएं और साथ ही शहर के विकास कार्यों को सुचारू रूप से चलाएं। आर्थिक तंगी के कारण निगम के पास संसाधनों की कमी है, और यह स्थिति शहर के विकास और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए हानिकारक साबित हो रही है।
अगर समय रहते इन अवैध विज्ञापनों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह न केवल शहर के सौंदर्य पर असर डालेगा, बल्कि स्मार्ट सिटी के उद्देश्यों को भी नुकसान पहुंचाएगा।
इंदौर नगर निगम को अवैध विज्ञापन बोर्ड्स और होर्डिंग्स की समस्या पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। यह न केवल नगर निगम की वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि शहर के सौंदर्यीकरण और स्वच्छता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
मामले में अपर आयुक्त दिव्यांक सिंह स्मार्ट सिटी से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके जबकि निरंजन सिंह चौहान (MIC ) प्रभारी ने कहा " स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मेरे विभाग के तहत नहीं आता हे लेकिन फिर भी शहर हिट में ऐसी गतिविधियों को तत्काल रोका जायेगा ,और दोषियों को दण्डित भी किया जायेगा "