कोरोना के बाद अब डेंगू का कहर, इंदौर जिले में अब तक 86 मरीज

कोरोना के बाद अब इंदौर में डेंगू का कहर फैल रहा है। आठ नए मरीजों के बाद इंदौर जिले में अब तक डेंगू के कुल मरीजों की संख्या 86 हो गई है, जबकि एक मौत भी हो चुकी है। इसको लेकर कलेक्टर ने आपातकालीन बैठक ली और सभी अफसरों को सर्वे व रोकथाम के लिए जिम्मेदारियां सौंपी।

कोरोना के बाद अब डेंगू का कहर, इंदौर जिले में अब तक 86 मरीज

कलेक्टर ने बुलाई आपातकालीन बैठक, घर-घर सर्वे और रोकथाम के लिए अफसरों को जिम्मेदारी

द एक्सपोज लाइव न्यूज नेटवर्क, इंदौर। Indore News.

बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने अधिकारियों को दायित्व सौंपते हुये निर्देश दिये कि सभी अधिकारी सजग होकर अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखें। डेंगू तथा मलेरिया के रोगी पाये जाने पर उनका शीघ्र उपचार प्रारंभ करवायें। सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करें कि वे मलेरिया एवं डेंगू से बचाव के लिये सभी एहतियाती प्रबंध अपनायें।

जल जमाव रोकना होगा

कलेक्टर ने कहा कि डेंगू बुखार का वायरस एक एड़ीज नामक मच्छर, रोगी से स्वस्थ व्यक्ति में पहुंचाता है। यह मच्छर साफ पानी में होता है। सभी अधिकारी यह प्रयास करें कि कहीं भी जल जमाव नहीं होने दें। जल जमाव वाले स्थान पर क्रूड आइल का छिड़काव करें। सभी क्षेत्रों में सघन रूप से मच्छर नाशक दवाईयों का छिड़काव अनिवार्य रूप से करें। ग्राम पंचायत तथा वार्ड स्तर पर सुक्ष्म कार्ययोजना बनाएं।

बनाई गई है टीम

बैठक में बताया कि इंदौर शहर में मलेरिया विभाग, नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम बनाकर सर्वे तथा नियंत्रण के कार्य किये जा रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा, आंगवाड़ी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम बनायी गयी है। इंदौर शहर के प्रत्येक झोन में तीन-तीन फॉगिंग मशीन से फॉगिंग करायी जा रही है।

दी बचाव की जानकारी

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या ने डेंगू तथा मलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव, उपचार की जानकारी दी। बैठक में नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल सहित सभी अपर कलेक्टर, सभी एसडीओ, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर निगम के सभी झोनल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर्स तथा पंचायत स्तर के कर्मचारी उपस्थित थे।

ऐसे बचें डेंगू-मलेरिया से

डॉ. सैत्या ने कहा कि बारिश में खेत, तालाब, गड्ढे, खाई, घर के आसपास रखे हुए टूटे-फूटे डब्बे, पुराने टायर, पशु के पानी पीने का होद आदि में भरे हुए पानी में मच्छर के लार्वा पैदा होते है, जो बाद में मच्छर बनकर रोग फैलाते है। घर के आसपास जल जमा न होने दे। रुके हुए पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ ऑईल डालें। कूलर, फूलदान,  फ्रिज ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार अवश्य साफ करें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। कीटनाशक का छिडकाव करवायें।