इंदौर जिले में सवा लाख से अधिक बच्चों को लगेगा कोरोना टीका

कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश शासन द्वारा 3 जनवरी से प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के सभी बच्चों का टीकाकरण अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। इंदौर में भी 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के सभी किशोर-किशोरियों के लिए टीकाकरण अभियान प्रारंभ किया जा रहा है।

इंदौर जिले में सवा लाख से अधिक बच्चों को लगेगा कोरोना टीका
Covid vaccination for children

15-18 वर्ष के बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान 3 जनवरी से

387 टीकाकरण केंद्रों पर 567 सेशन मैं बच्चों को लगाए जाएंगे टीके

द एक्सपोज लाइव न्यूज़ नेटवर्क, इंदौर। Indore News.

इस अभियान को मिशन 15-18 नाम दिया गया है। कोरोना महामारी को रोकने हेतु टीकाकरण सबसे प्रभावी साधन है। कोरोना महामारी को पूरी तरह से समाप्त करने हेतु 15 से 18 वर्ष के सभी बच्चों एवं 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक को टीकाकृत किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या ने बताया कि जो बच्चे वर्ष 2007 के पहले जन्में हैं वे सभी टीकाकरण हेतु पात्र होंगे। इंदौर में 115 ग्रामीण केंद्र तथा 272 शहरी टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। इस तरह कुल 387 टीकाकरण केंद्रों पर 567 सेशन लगाकर 1 लाख 39 हजार 250 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। 

स्कूल ना जाने वाले बच्चों को भी लगेगा टीका

इंदौर में निजी, शासकीय विद्यालयों में टीकाकरण किया जाएगा। यदि कोई बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है तो वह भी इन केंद्रों पर जाकर टीकाकरण करवा सकता है। मिशन 15-18 के तहत कोवैक्सीन का टीका लगाया जायेगा। कोवैक्सीकन के दो डोज़ लगाये जाएंगे। दोनों डोज के मध्य न्यूनतम 28 दिन का अंतर होना जरूरी है।

केंद्र पर भी होगा रजिस्ट्रेशन

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि टीकाकरण के लिये ऑनलाइन माध्यम से कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। टीकाकरण केन्द्र पर सीधे पहुंच कर भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। बच्चे अपना आधार कार्ड साथ में लेकर जाएं। 

टीकाकरण के लिए सावधानियां जरूरी

टीकाकरण केन्द्र पर आने से पहले बच्चे को सामान्य खाना या नाश्ता करना जरूरी है। टीका लगने के बाद टीकाकरण स्थल पर 30 मिनट तक आराम करने की सलाह दी गई है। किशोरियां महावारी के दौरान भी टीका लगवा सकती हैं। टीका लगवाने के दौरान एवं बाद में भी सेनीटाइजेशन, मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है।

साइड इफेक्ट से निपटने के लिए पूरी व्यवस्थाएं

15 से 18 वर्ष के बच्चों को टीका लगाना अत्यंत आवश्यक है। टीका लगने के बाद संक्रमण होगा भी तो गंभीर और जानलेवा नहीं हो पायेगा। यह वैक्सीन बच्चों के लिये पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे भारत शासन द्वारा वैज्ञानित साक्ष्यों के आधार पर ही अनुमोदित की गई है। टीकाकरण के सामान्य प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए शहरी क्षेत्र में जोन वाइज एवं वार्ड वाइज तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर व्यवस्थाएं की गई है।